जर्मनी और रूस के बीच अरबों का सौदा
१५ जुलाई २०१०इस बार रूस और जर्मनी का वार्षिक सम्मेलन रूस के येकातरिनाबुर्ग में हुआ और वहां राष्ट्रपति मेद्वेदेव और चांसलर मैर्केल अपने विभिन्न मंत्रियों के अलावा बड़े औद्योगिक प्रतिनिधिमंडल के साथ मिले. अरबों यूरो के कारोबारी समझौतों पर हस्ताक्षर के साथ दोनों देश एक दूसरे के और क़रीब आए हैं. लेकिन मानवाधिकारों पर मतभेद बने हुए हैं. हालांकि मेद्वेदेव ने आश्वासन दिया है कि स्थिति को बेहतर बनाने के लिए वे सक्रिय रहेंगे.
मेद्वेदेव और मैर्केल की उपस्थिति में जर्मनी की बड़ी इलेक्ट्रॉनिक कंपनी सीमेंस ने रूस के लिए 240 रेलगाड़ियां बनाने और 63 रेलवे यार्डों का आधुनिकीकरण करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए. रूस-जर्मन परामर्श के लिए मॉस्को गए परिवहन मंत्री पेटर रामजावर ने कहा कि सीमेंस ने पवन ऊर्जा के क्षेत्र मे सहयोग की एक अरब यूरो की संधि पर भी हस्ताक्षर किए. इसके अलावा एयरबस रूस को 2.2 अरब यूरो के मूल्य के 11 ए-330 विमान बेचेगा. दूसरी कंपनियों ने भी कई समझौते किए.
आर्थिक प्रतिनिधियों ने रूस और यूरोपीय संघ के बीच वीज़ा पाने में होने वाली मुश्किलों की शिक़ायत की. मेद्वेदेव ने वीज़ा नियमों को आसान बनाने की वकालत की. मैर्केल ने भी इसका समर्थन किया लेकिन कहा वीज़ा की ज़रूरतों को एक दिन में समाप्त नहीं किया जा सकता. जून में रूस और यूरोपीय संघ के बीच हुए शिखर सम्मेलन में इस मुद्दे पर कोई सहमति नहीं हो पाई थी. वार्ता के मतभेद वाले मुद्दों में रूस, बेलारूस और कज़ाकिस्तान का नया कस्टम यूनियन भी था. मैर्केल ने संकेत दिया कि उन्हें इससे जर्मन अर्थव्यवस्था के लिए नई मुश्किलों की आशंका है. मेद्वेदेव ने आश्वासन दिया कि जुलाई से लागू कस्टम यूनियन को इस तरह कार्यान्वित किया जाएगा कि जर्मन निवेशकों को सुरक्षा मिले.
मैर्केल और मेद्वेदेव ने पारस्परिक सहयोग को सफलता की कहानी बताया. मेद्वेदेव ने कहा कि विश्वव्यापी वित्तीय और आर्थिक संकट के बावजूद दोनों देशों के संबंध और गहरे हुए हैं. जर्मन चांसलर ने 2011 में जर्मन रूसी वैज्ञानिक सहयोग वर्ष मनाने और साझे इतिहास पर एक किताब लिखे जाने की घोषणा की.
जर्मन रूसी शिखर सम्मेलन का दिन क्रेमलिन की आलोचक और नागरिक अधिकारों के लिए लड़ने वाली नताल्या एस्तेमीरोवा की हत्या की पहली वर्षगांठ के दिन था. उनकी पिछले साल हत्या कर दी गई थी. शिखर सम्मेलन के साथ होने वाली नागरिक संगठनों के सम्मेलन पेटर्सबर्गर संवाद में इन संगठनों ने हत्या की धीमी जांच की शिकायत की. मेद्वेदेव ने कहा कि अपराधियों का पता है और उन्हें पकड़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय वारंट जारी किया गया है. मैर्केल ने कहा कि नागरिक समाज में मानवाधिकारों के हनन के लिए उचित सज़ा देना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि इससे दूसरे लोगों को हिम्मत बंधती है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: ए जमाल