जर्मनी के विदेश मंत्री ने पार्टी प्रमुख पद से इस्तीफा दिया
४ अप्रैल २०११वेस्टरवेले का कहना है कि अब वह विदेश मंत्री के तौर पर अपने काम पर ध्यान देना चाहेंगे लेकिन यह भी निश्चित नहीं है कि वे कब तक इस पद पर बने रहेंगे. पार्टी के अंदर और जर्मनी में आम तौर पर वेस्टरवेले की लोकप्रियता बहुत तेजी से घटी है.
विश्लेषकों का कहना है कि इन घटनाओं के बाद जर्मनी की राष्ट्रीय राजनीति में भी बड़े बदलाव हो सकते हैं. ऐसे ही घटनाक्रम के बीच 2005 में जर्मनी में वक्त से पहले चुनाव कराने पड़े, जिसमें एसपीडी के गेरहाल्ड श्रोडर को हार का सामना करना पड़ा. तब अंगेला मैर्केल जर्मनी की चांसलर बनीं.
सोमवार को एफडीपी की अहम बैठक होने वाली है. इससे एक दिन पहले रविवार को वेस्टरवेले ने कहा, "10 साल तक पार्टी का प्रमुख रहने के बाद मैंने फैसला किया है कि अब मैं इस पद के लिए अगला चुनाव नहीं लड़ूंगा." ऐसी संभावना थी कि पार्टी की बैठक में उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है.
घटती लोकप्रियता
वेस्टरवेले जर्मनी के डिप्टी चांसलर भी हैं. दो साल पहले 2009 में जर्मनी के संघीय चुनाव में उनकी पार्टी एफडीपी को रिकॉर्ड 14.5 प्रतिशत मत मिले थे, जो अब कुछ राज्यों में घट कर पांच प्रतिशत के आस पास पहुंच गए हैं. जर्मनी में मैर्केल की सीडीयू और एफडीपी की गठबंधन सरकार है.
जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल ने वेस्टरवेले के इस्तीफे के बारे में कहा है कि उन्होंने सिर्फ एफडीपी प्रमुख के पद से इस्तीफा दिया है. उन्होंने कहा, "यह एफडीपी पार्टी के लिए निश्चित तौर पर एक महत्वपूर्ण मोड़ है लेकिन गठबंधन चलता रहेगा. मुझे उम्मीद है कि वह विदेश मंत्री के तौर पर अपना काम करते रहेंगे और मैं उनके साथ काम करते रहना चाहती हूं."
जर्मन सरकार के लिए यह लगातार दूसरा झटका है. इससे पहले जर्मनी के रक्षा मंत्री कार्ल थ्योडोर सू गुटेनबर्ग ने पिछले महीने ही डॉक्टरी की थीसिस लिखने में नकल करने के आरोपों के बीच इस्तीफा दे दिया था.
पार्टी में युवाओं की जगह
एफडीपी के वरिष्ठ नेता वोल्फगांग कुबीकी का कहना था, "यह आखिरी मौका था, जब वेस्टरवेले खुद अपना भविष्य तय कर सकते थे. जहां तक विदेश मंत्री के पद का सवाल है, वह ठीक काम कर रहे हैं."
49 साल के वेस्टरवेले ने अपने इस्तीफे की बुनियाद रखने के लिए कहा कि पार्टी में कई युवा नेता हैं, जो इस जिम्मेदारी को उठा पाने में सक्षम हैं. मई में एफडीपी की कांग्रेस होने वाली है और उसी दौरान पार्टी का अगला नेता चुना जा सकता है. नए नामों में वियतनामी मूल के 38 साल के फिलिप रोएसलर का नाम आगे चल रहा है. रोएसलर जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री हैं.
वेस्टरवेले पर लंबे वक्त से इस्तीफे का दबाव था. 2009 के बाद से जर्मनी में लगातार हो रहे चुनावों में उनकी एफडीपी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है. सर्वेक्षणों में कहा जा रहा है कि वह जर्मनी के सबसे अलोकप्रिय नेता बन गए हैं. हालांकि विदेश मंत्री के तौर पर उनका काम सराहा जा रहा है.
हालांकि जर्मनी ने हाल में लीबिया पर संयुक्त राष्ट्र में हुई वोटिंग में पश्चिमी देशों का साथ देने की बजाय गैरमौजूद रहने का फैसला किया, जिस पर कहीं कहीं सवाल उठाए जा रहे हैं. पिछले साल विकीलीक्स में उन्हें गर्म मिजाज बताया गया था.
विश्वसनीयता पर धक्का
जर्मनी में एक सर्वेक्षण करने वाली संस्था फोरसा पोलिंग इंस्टीट्यूट के मैनफ्रेड गुएलनर का कहना है कि 2009 के चुनावों के बाद एफडीपी की विश्वसनीयता जर्मनी में बड़ी तेजी से घटी और इसके लिए एक ही व्यक्ति जिम्मेदार हैः वेस्टरवेले. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से जर्मनी के हर विदेश मंत्री को बेहद ऊंचा रुतबा दिया गया लेकिन वेस्टरवेले के बारे में आम धारणा यह है कि वह इस पद के काबिल नहीं हैं.
2005 में जब श्रोडर की एसपीडी और उनकी सहयोगी पार्टी ग्रीन पार्टी प्रमुख राज्यों में चुनाव हार गईं, तो समय से पहले संघीय चुनाव कराए गए और श्रोडर को हार का सामना करना पड़ा. लेकिन मैर्केल ऐसा करती नहीं दिख रही हैं. जर्मनी की संसद में भी गठबंधन के लिए स्थिति ऐसी खराब नहीं है.
जर्मनी के कई राज्यों में एफडीपी के नेता वेस्टरवेले के खिलाफ खुली बगावत पर उतर आए थे और ऐसे में सोमवार को पार्टी की बैठक अगर गर्म हो जाती है, तो कुछ और नेताओं को इस्तीफा देना पड़ सकता है.
रिपोर्टः रॉयटर्स/ए जमाल
संपादनः ओ सिंह