जर्मनी पर 2010 पर हुए 1600 हमले
२८ दिसम्बर २०१०जर्मनी के लिए 2010 साइबर हमलों का साल रहा. एक ही साल में देश ने इतने सारे हमले झेल और खासा नुकसान भी झेला. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता श्टेफान पारिस बताते हैं कि इस साल के हमलों का आंकड़ा पिछले साल के 900 हमलों के दोगुने से कुछ ही कम था.
पारिस ने कहा, "जर्मनी बहुत ज्यादा तकनीक आधारित देश है. यहां तकनीकी ज्ञान भी बहुत है. बेशक दूसरे लोग भी इस ज्ञान को पाना चाहते हैं." पारिस बताते हैं कि ज्यादातर साइबर हमले सरकारी नेटवर्क और आर्थिक क्षेत्र में हुए.
उनके मुताबिक आधुनिक जासूस इलेक्ट्रॉनिक तरीकों से हमला करते हैं. उन्होंने कहा, "30 साल पहले जासूस के पास एक छोटा सा कैमरा होता था जो उसने अपने कपड़ों या शरीर में कही छिपाया होता था. वह आता, सूटकेस खोलता, कुछ तस्वीरें खींचता और गायब हो जाता. अब ऐसा नहीं है."
इस वजह से सरकार एक साइबर डिफेंस सेंटर बनाने जा रही है. इस केंद्र में ऐसे जानकारों को जुटाया जाएगा जो साइबर हमलों को पहचान सकें और जवाबी रणनीति बना सकें. पारिस ने बताया, "हम 2011 में एक तथाकथित राष्ट्रीय साइबर डिफेंस तैयार करने की योजना बना रहे हैं."
वैसे साइबर सुरक्षा अब दुनिया के सभी देशों के लिए चुनौती बनता जा रहा है. ब्रिटेन ने भी हाल ही में एक अरब डॉलर की एक योजना का एलान किया है. ऐसे वक्त में जब वहां की सरकार भारी कटौती कर रही है, साइबर सुरक्षा पर इतना बड़ा खर्च इसकी अहमियत बयान करता है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः आभा एम