जर्मन टेनिस में जान फूंकती आंद्रेआ पेटकोविच
२६ अप्रैल २०११वो अभी महज 23 साल की हैं. राजनीति शास्त्र की छात्रा हैं. खाली वक्त में हिट गानों से दूर रहने वाला इंडी रॉक म्यूजिक सुनती है और परीक्षाओं की तैयारी में भी लगी रहती है. कभी कभार सबको चौंकाने वाला मजाक भी कर देती हैं. ये वो बातें हैं जो आंद्रेआ पेटकोविच के बारे में लोगों को नहीं पता है.
वैसे लोग अभी उनके टेनिस के बारे में भी ज्यादा नहीं जानते हैं. आंद्रेआ वर्ल्ड नंबर वन कैरोलिन वोजिनिएकी को हराकर ऑस्ट्रेलियन ओपन के क्वार्टर फाइनल में पहुंच चुकी हैं. मियामी में उन्होंने पूर्व नंबर एक खिलाड़ी येलेना जांकोविच को परास्त किया.
स्टेफी ग्राफ से तुलना:
इसीलिए आंद्रेआ पेटकोविच को जर्मनी की नई प्रतिभाशाली टेनिस खिलाड़ी कहा जा रहा है. माना जा रहा है कि आंद्रेआ के रूप में जर्मनी को लंबे वक्त बाद एक ढंग की टेनिस खिलाड़ी मिली है. लोग उनकी तुलना पूर्व जर्मन खिलाड़ी स्टेफी ग्राफ से कर रहे हैं. स्टेफी ग्राफ को टेनिस जगत की सबसे बड़ी महिला खिलाड़ी माना जाता है. स्टेफी ग्राफ ने 1987 से 1997 तक टेनिस कोर्ट पर पूरे एकाधिकार से राज किया.
ऐसी स्टेफी ग्राफ से तुलना की जाने पर आंद्रेआ कहती हैं, ''मैं एक सुपरस्टार नहीं हूं. जब मेरी तुलना स्टेफी ग्राफ से की जाती है तो मुझे बुरा लगता है. वह काफी समय तक नंबर एक खिलाड़ी रहीं. उन्होंने ढेरों खिताब भी जीते. लेकिन उनसे तुलना एक तरह से मेरे लिए सम्मान की बात भी है. वह मेरी आदर्श हैं.''
आंद्रेआ मानती है कि लोग अभी उन्हें बहुत ज्यादा नहीं जानते और इसी बात का उन्हें फायदा मिल रहा है. लेकिन अब जर्मन मीडिया धीरे धीरे उनकी तरफ कैमरे के लैंस घुमा रहा है. अखबारों में आंद्रेआ को जर्मन टेनिस में पड़े सूखे को खत्म करने वाली बारिश बताया जाने लगा है. लेकिन आंद्रेआ कहती हैं, ''मैं कई सालों से कह रही हूं कि मैं जर्मन महिला टेनिस को आगे ले जाना चाहती हूं लेकिन यह काम मैं अकेले नहीं कर सकती. मुझे उम्मीद है कि एक दिन हमारा खेल फिर टीवी पर लौटेगा.''
पुरुष टेनिस अब भी बेजान
इसी की एक कड़ी श्टुटगार्ट में खेले गए फेड कप को माना जा रहा है. फेड कप में जर्मनी ने अमेरिका को 5-0 से हरा दिया. आंद्रेआ पेटकोविच के अलावा अन्य जर्मन महिला खिलाड़ियों ने भी बढ़िया टेनिस खेला. आंद्रेआ कहती हैं, ''फेड कप शानदार रहा. जर्मन महिला टेनिस और जर्मन टेनिस के लिए यह बढ़िया साबित हुआ. हमारे यहां काफी प्रतिभाशाली खिलाड़ी मौजूद हैं. एक अच्छी प्रतिस्पर्द्धा पनप रही हैं. सोचिए कि हमने एक दूसरे के खिलाफ भी खेला लेकिन फिर भी लॉकर रूम में हमने एक दूसरे को पीठ थपथपा कर बधाई दी.''
लेकिन पुरुष टेनिस की हालत अब भी जर्मनी में दुबली ही है. हालांकि टॉमी हास और निकोलास कीएफ कुछ देर के लिए टॉप-10 में जरूर रहे. लेकिन असल मायनों में बोरिस बेकर के बाद कोई ऐसा खिलाड़ी नहीं हुआ जिसने कम से कम पांच साल तक उम्मीदों को आगे बढ़ाया हो. इत्तेफाक ही है कि स्टेफी ग्राफ और बोरिस बेकर करीब करीब साथ साथ शीर्ष पर आए और साथ ही चले भी गए. शायद आंद्रेआ पेटकोविच की लोकप्रियता पुरुष टेनिस में भी कोई जान फूंक जाए.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: ईशा भाटिया