जलवायु परिवर्तन पर समझौते के क़रीब यूरोपीय संघ!
१२ दिसम्बर २००८ब्रसेल्स में शिखर वार्ता में सन 2020 तक ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में 20 प्रतिशत तक की कटौती करने के लक्ष्य पर सहमति बनाए जाने की कोशिश हो रही है. साथ ही वित्तीय संकट से जूझ रही यूरोपीय अर्थव्यवस्था में मज़बूती के लिए 200 अरब यूरो के पैकेज पर सैद्धांतिक सहमति बन गई है.
ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ की दो दिवसीय शिखर वार्ता हो रही है और जलवायु परिवर्तन पर पैकेज को 20-20-20 का नाम दिया गया है. इसके अन्तर्गत 1990 की तुलना में 2020 तक ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में 20 प्रतिशत की कमी लाने का विचार है. जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल ने कहा है कि जर्मनी ने ग्रीनहाउस गैसों में कटौती का लक्ष्य निर्धारित किया है लेकिन बाक़ी देशों ने वह भी नहीं किया है.
जलवायु परिवर्तन पर ज़रूरी क़दमों पर आम सहमति क़ायम करने के लिए जिस प्रस्ताव को पेश किया गया है उसमें काफ़ी संशोधन किए गए हैं. जर्मनी, इटली और पोलेंड ने चेतावनी दी दी थी कि वो ऐसे किसी भी समझौते का विरोध करेंगें जिससे वित्तीय संकट के समय नौकरियां या उद्योग जगत संकट में आता हो. इटली के प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लूस्कोनी ने कहा था कि अगर उन्हें वह नहीं मिलता है जिसकी मांग इटली शुरू से कर रहा है तो इटली समझौते पर वीटो कर देगा.
ब्रसेल्स में शिखर वार्ता के साथ ही पोलेंड के पोज़नान में भी संयुक्त राष्ट्र की बैठक हो रही है जिसमें जलवायु परिवर्तन पर चर्चा हो रही है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने कहा है कि आज दुनिया को नेतृत्व की ज़रूरत है और वह नेतृत्व यूरोपीय संघ प्रदान कर सकता है. इस सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेट उम्मीदवार जॉन केरी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से मुक़ाबले के लिए अमेरिका नए क़दम उठाने को तैयार है.