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जहाजों की टक्कर के बाद तेल का रिसाव जारी, संकट बढ़ा

९ अगस्त २०१०

मुंबई में दो मालवाहक जहाजों की टक्कर के बाद लगातार समंदर में तेल रिस रहा है. तेल के रिसाव को रोकने के लिए तटरक्षक बलों की कोशिशें तेज. मुंबई के बंदरगाह पर जहाजों की आवाजाही ठप. एमएससी चित्रा डूबने की कगार पर.

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तस्वीर: picture-alliance / dpa

भारी भरकम जहाजों के टक्कर के दो दिन बाद भी तेल का रिसाव जारी है. टक्कर शनिवार को एमएससी चित्रा और एवी खलीजिया-3 के बीच हुई. टक्कर के बाद चित्रा पर लदे 250 कंटेनर समंदर में डूब गए, जबकि जहाज भी टेढ़ा हो गया. जहाज पर अब भी 950 कंटेनर लदे हैं. अधिकारियों के मुताबिक टक्कर के वक्त एमएससी चित्रा में 266 टन ईंधन था, जो तब से लगातार रिस रहा है.

अधिकारी अब तक लीकेज वाली जगह का पता नहीं लगा सके हैं. कोस्ट गार्ड ने रिसते तेल को फैलने से रोकने की कोशिशें तेज कर दी है. रविवार को पांच जहाज और दो हेलिकॉप्टरों की मदद ली गई और समंदर में एक खास किस्म का स्प्रे छिड़का गया. यह स्प्रे तेल को फैलने से रोकेगा. प्रदूषण रोकने के लिए गोवा से खास तरह के उपकरण भेजे गए हैं.

जहाजरानी विभाग के डायरेक्टोरेट जनरल ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं. डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ शिपिंग के प्रमुख नॉटिकल सलाहकार एमएम सावी ने कहा, ''कोस्ट गार्ड और वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं.'' इस बीच चित्रा के डूबने का खतरा पैदा हो गया है. रविवार को जहाज 75 डिग्री झुक गया.

कोस्ट गार्ड के एक अधिकारी ने कहा, ''मुंबई बंदरगाह पर ट्रैफिक निलंबित किया गया है. तेल के रिसाव की वजह से समुद्री मार्ग में जहाजों की देखरेख करनी मुश्किल हो रही है.''

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: महेश झा