जहीर भरोसे टीम इंडिया
१५ मार्च २०११वर्ल्ड कप के दौरान भारत की गेंदबाजी पर लगातार सवाल उठते रहे हैं. ऐसे में जहीर खान इकलौते ऐसे गेंदबाज हैं, जिन्होंने कमजोर बॉलिंग वाली टीम इंडिया की थोड़ी बहुत लाज रखी है. हालांकि 32 साल के जहीर इस पर ज्यादा वाहवाही नहीं चाहते हैं.
उनका कहना है, "मुझे जो जगह मिली है, मैं उसका लुत्फ उठा रहा हूं. मुझ पर काफी जिम्मेदारी है और मैं इसके साथ भी सो सकता हूं. मैं अगले दिन के लिए तैयार हूं. मुझे खुद मिसाल पेश करनी होती है और मैं इस चुनौती को लेने के लिए तैयार हूं."
जहीर खान ने इंग्लैंड के खिलाफ टाई हुए मैच में भी खुद को संयमित रखा और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हारे हुए मैच में भी. जहीर ने पांच मैच में 12 विकेट लिए हैं और वह भारत के नंबर एक गेंदबाज हैं. उनके बाद दक्षिण अफ्रीका के डेल स्टेन के 10 विकेट हैं.
जहीर इस उम्र में गेंद में ज्यादा तेजी लाने की बजाय उसे लाइन और लेंथ पर रखने की कोशिश करते हैं. इस वजह से बाएं हाथ के इस गेंदबाज की तुलना कई बार पाकिस्तान के महान वसीम अकरम से भी होती है.
जहीर में भले ही अकरम जैसी महानता न हो लेकिन वह भारत के सबसे सफल गेंदबाज तो जरूर बन कर उभरे हैं. उन्होंने 187 वनडे में 264 विकेट लिए हैं. वह मुश्किल मौकों पर बहुत सधी हुई गेंदबाजी करते हैं.
दक्षिण अफ्रीका को भारत के खिलाफ दो ओवर में 17 रन बनाने थे. जहीर ने 49वां ओवर फेंका और सिर्फ चार रन दिए. लेकिन इसके बाद आशीष नेहरा ने 16 रन लुटा कर मैच गंवा दिया.
भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी जहीर की तारीफ करते हैं, "ऐसा नहीं कि जहीर जब भी खेलते हैं, विकेट लेते हैं. लेकिन उनका जो तजुर्बा है, उसके मुताबिक उनके पास हमेशा एक नया प्लान तैयार रहता है."
रिपोर्टः एएफपी/ए जमाल
संपादनः एस गौड़