जापान का परमाणु ऊर्जा को सायोनारा
५ मई २०१२यह परमाणु बिजली घर होकाईदो के तोमारी में स्थित है. तीन नंबर के परमाणु संयंत्र को बंद करने के बाद अब इस बात पर बहस शुरू हो गई है कि क्या जापान बिना परमाणु ऊर्जा के देश में बिजली की जरूरतें पूरी करने की स्थिति में है. लोगों को पहले ही चेतावनी दी जा चुकी है कि इस साल गर्मियों में उन्हें बिजली की कटौती का सामना करना पड़ेगा.
होकाईदो संयंत्र चलाने वाली होकाईदो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी का कहना है कि शनिवार को स्थानीय समय शाम पांच बजे रिएक्टर में नियंत्रक छड़ें डाल दी जाएंगी. इन छड़ों से रिएक्टर में परमाणु रिएक्शन की गति धीरे धीरे कम होने लगेगी और सोमवार तक यह पूरी तरह बंद हो जाएगा.
भारत अब परमाणु बिजली के रास्ते पर निकलने की योजनाएं बना रहा है, वहीं जापान में परमाणु ऊर्जा के लिए पचास के दशक में ही काम होना शुरू हो गया था. सत्तर के दशक से ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि जापान बिना परमाणु ऊर्जा के रहेगा. देश में ऊर्जा की मांग काफी है और स्रोत कम.
फुकुशीमा से सीख
पिछले साल भूकंप और सूनामी के बाद फुकुशीमा परमाणु संयंत्र में जब खराबी आई तो उसे बंद कर देना पड़ा. उसके साथ ही सुरक्षा कारणों से देश के कई दूसरे परमाणु संयंत्रों को भी बंद किया गया. उस समय ऐसा कहा गया कि संयंत्रों की जांच के बाद इन्हें दोबारा चला दिया जाएगा, लेकिन फुकुशीमा से मिली सीख के बाद इन्हें दोबारा शुरू करना ठीक नहीं समझा गया. हालांकि फुकुशीमा में हुए रिसाव से सीधे नुकसान की खबर नहीं आई, लेकिन उस कारण संयंत्र के आसपास रहने वाले हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ा.
देश में परमाणु ऊर्जा के खिलाफ कई प्रदर्शन हुए. प्रदर्शनों में हिस्सा लेने वाले एक 56 साल के भिक्षुक ग्योशो ओत्सू का कहना है, "बिना परमाणु ऊर्जा के एक नए जापान की शुरुआत हो रही है. परमाणु ऊर्जा पैदा करना एक आपराधिक काम है. आज भी इतने लोग इसके परिणाम भुगत रहे हैं. अगर हमने अब भी इसे नहीं रोका तो भविष्य में कोई और हादसा होगा."
सायोनारा न्यूक्लियर पावर
शनिवार को करीब साढ़े पांच हजार प्रदर्शनकारी टोकियो में सड़कों पर उतर आए. हाथ में "सायोनारा न्यूक्लियर पावर" यानी अलविदा परमाणु ऊर्जा के बोर्ड लिए उन्होंने टोकियो टावर के पास नारे लगा के अपनी खुशी का इजहार किया.
एक प्रदर्शनकारी मासाओ किमुरा ने कहा, "यह एक प्रतीकात्मक दिन है. अब हम दिखा सकते हैं कि हम परमाणु ऊर्जा के बिना भी जी सकते हैं." जापान की समाजवादी पार्टी के मिजुहो फुकुशीमा ने समाचार एजेंसी एएफपी को कहा, "हमें अभी कदम लेने की जरूरत है ताकि फुकुशिमा में हुआ हादसा केवल जापान का ही नहीं, पूरी दुनिया का आखिरी परमाणु हादसा हो."
शनिवार शाम नियंत्रक छड़ें डल जाने के बाद कुल पचास रिएक्टर बंद हो जाएंगे. जापान गर्मियों में एयरकंडीशनर पर बेहद निर्भर करता है. अब इतने सारे रिएक्टरों के बंद हो जाने से देश में ऊर्जा को लेकर चिंता तो बनी हुई है. पिछले महीने कांसे इलेक्ट्रिक पावर ने देश में मांग से बीस प्रतिशत कम बिजली होने की बात कही है.
आईबी/एनआर (एएफपी)