जापान में संकट गहराया, परमाणु ईंधन पिघला
१४ मार्च २०११जापान में सोमवार रात होते होते परमाणु ऊर्जा विशेषज्ञों की चिंता बढ़ गई. अधिकारियों ने बताया कि तीनों परमाणु रिएक्टरों की ईंधन की छड़े पिघलने लगी हैं. यह पता नहीं चल सका है कि ईंधन की छड़ें कितनी तेजी से पिघल रही हैं. छड़ें पिघलने की वजह से विकिरण का खतरा बढ़ गया है. सोमवार रात रिएक्टर नंबर दो में एक और धमाका हुआ है.
फिलहाल यह पता नहीं चल सका है कि छड़ें जिस कंटेनर के भीतर हैं उसकी स्थिति कैसी है. कंटनेर को कितना नुकसान पहुंचा है, इसका पता लगाने की कोशिशें अब जोखिम भरी हो चुकी हैं. वहां तक न तो कोई जा सकता है और कंटेनर को खोलने पर विकिरण के फैलने का खतरा है. अधिकारियों का कहना है कि कंटनेर खतरनाक स्थिति तक गरम हो चुके हैं. ऐसे में उनके ध्वस्त होने का खतरा बढ़ गया है. परमाणु बिजलीघर का कूलिंग सिस्टम पूरी तरह ठप हो चुका है.
लगातार मुश्किल हो रहे हालातों के चलते जापान ने अब अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी आईएईए के विशेषज्ञों की मदद मांगी हैं. आईएईए के महानिदेश यूकिया अमानो ने कहा है, ''जापानी प्रशासन बेहद कठिन परिस्थितियों में परमाणु ऊर्जा घरों की सुरक्षा को लेकर कठिन परिश्रम कर रहा है.''
जापान में शुक्रवार सुबह 8.9 तीव्रता का तेज भूकंप आया. भूकंप के आधे घंटे बाद विनाशकारी सूनामी लहरें आईं. अब तक कम से कम 15,00 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है. 10,000 लोगों के मरने की आशंका जताई जा रही है. हजारों लोग अब भी लापता हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: एमजी