पुतिन ने कहा, आजीवन राष्ट्रपति नहीं रहेंगे
१९ मार्च २०१८अब तक सिर्फ रूस के करीबी देशों ने पुतिन को जीत की बधाई दी है. पश्चिमी देशों के साथ रूस के संबंध तनावपूर्ण चल रहे हैं. पुतिन लगभग दो दशकों से रूस पर राज कर रहे हैं. लेकिन रविवार को हुए चुनाव में उन्होंने अब तक का बेहतरीन प्रदर्शन किया और 76.6 प्रतिशत वोट हासिल किए. दूसरे नंबर पर कम्युनिस्ट पार्टी के नेता पावेल ग्रुडिनिन रहे जिन्हें 11.79 प्रतिशत वोट मिले. धुर राष्ट्रवादी व्लादिमीर जिरिनोव्स्की को 5.66 प्रतिशत और पूर्व रियलिटी टीवी प्रेजेंटर सेनिया सोबचाक को 1.67 प्रतिशत वोट मिले. वहीं उदारवादी राजनेता ग्रिगोरी यावलिंस्की सिर्फ एक प्रतिशत मत ही पा सके. चुनाव में पुतिन के खिलाफ सात उम्मीदवार मैदान में थे लेकिन उनके कड़े प्रतिद्वंद्वी एलेक्सी नवालनी को चुनाव में हिस्सा नहीं लेने दिया गया. उन्हें भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी करार दिया गया था.
विपक्ष ने चुनावों में धांधली का आरोप लगाया है. खबरें हैं कि मत पत्रों में फर्जी बैलट डाले गए और कई तरह की अन्य धांधलियां भी हुई हैं क्योंकि रूसी सरकार चाहती थी कि पुतिन ऐतिहासिक जीत दर्ज करें. ग्रुडनिन ने भी चुनाव की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया है.
बहरहाल पुतिन अब 2024 तक रूस के राष्ट्रपति रह पाएंगे. वह पहले ही स्टालिन के बाद रूस में सबसे ज्यादा समय तक राष्ट्रपति रहने वाले नेता बन गए हैं. लेकिन उन्होंने आजीवन राष्ट्रपति बने रहने की संभावनाओं को खारिज किया है. जब उनसे रविवार को पूछा गया कि क्या वह 2030 में भी राष्ट्रपति चुनाव लड़ेंगे तो उन्होंने पत्रकारों से कहा, "मेरी बात सुनिए. आप जो कह रहे हैं मुझे उस पर थोड़ी सी हंसी आ रही है. क्या मैं 100 साल की उम्र तक पद पर बैठा रहूंगा, नहीं."
जब एक्जिट पोल में पुतिन की जीत पक्की हो गई तो पुतिन ने अपने समर्थकों की भीड़ को संबोधित करते हुए कहा, "मैं इस नतीजे को अपने लोगों के आत्मविश्वास और उम्मीद के तौर पर देखता हूं." रूस में कुल 10.7 करोड़ मतदाताओं में लगभग 60 प्रतिशत ने रविवार को अपने वोट डाले. रूसी सरकार ने लोगों से भारी संख्या में मतदान में हिस्सा लेने को कहा था जबकि नवालनी खेमा लोगों से चुनाव के बहिष्कार की अपील कर रहा था.
एके/एनआर (एएफपी, डीपीए)