जीवन चलने का नामः रोनाल्डो
९ जनवरी २०१३मेसी ने भले ही पिछले सीजन में रिकॉर्डतोड़ गोल किए हों लेकिन वह खुद भी उसे बहुत अच्छा साल नहीं बता रहे थे. दूसरी तरफ रोनाल्डो ने स्पेनी लीग में मेडल जीता था. इसके अलावा पिछले साल ही वह दुनिया के पहले खिलाड़ी बने, जिसने ला लीगा की सभी टीमों के खिलाफ गोल किए हैं. यूरो 2012 में रोनाल्डो अपने दम पर टीम को सेमीफाइनल तक ले गए. स्पेन भले ही चैंपियन बना लेकिन रोनाल्डो की अगुवाई में सेमीफाइनल में पुर्तगाल ने उसकी हालत खस्ता कर दी. रोनाल्डो एंड कंपनी ने स्पेन को नचा दिया. पेनल्टी से निकले नतीजे में स्पेन भाग्यशाली साबित हुआ.
इन बातों की बुनियाद पर वह उम्मीद लगा रहे थे कि शायद इस बार का खिताब उनकी झोली में जाए. लेकिन शर्मीले मेसी ने एक बार फिर बाजी मार ली. निजी तौर पर मेसी और रोनाल्डो को स्कोर 4-1 हो गया. मेसी से पहले 2008 में रोनाल्डो ने बैलोन डे'ओर जीता है.
ज्यूरिख में दिए गए इस पुरस्कार को रोनाल्डो ज्यादा तवज्जो नहीं देना चाहते हैं. उनका कहना है, "मैं इसे लेकर सकून में हूं. यह जिंदगी और मौत का सवाल नहीं है. जिंदगी चलती जाएगी. मैं हताश नहीं हूं."
अब विश्व के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर के खिताब से उबर कर रोनाल्डो अपने पुराने क्लब इंग्लैंड के दिग्गज मैनचेस्टर यूनाइटेड से भिड़ने की सोच रहे हैं. दुनिया के सबसे बड़े लीग मुकाबले चैंपियंस लीग में दोनों का मुकाबला होना है और इस बार रोनाल्डो अपनी टीम रियाल मैड्रिड के साथ जीत हासिल करना चाहते हैं. पांच साल पहले मैनचेस्टर ने जब चैंपियंस लीग जीती, तो रोनाल्डो उस टीम में थे.
रियाल ने 2009 में लगभग 10 करोड़ यूरो (700 करोड़ रुपये) में रोनाल्डो को खरीदा, जो फुटबॉल इतिहास के सबसे महंगे सौदों में गिना जाता है. हालांकि उसी साल से मेसी का जलवा चल निकला और 2009 के बाद से ही वह लगातार विश्व के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर घोषित किए जाने लगे. रोनाल्डो का कहना है कि इन बातों के बावजूद उनका मेसी के साथ कोई झंझट नहीं है, "इस बात में कोई होड़ नहीं है कि कौन ज्यादा जीतेगा. जाहिर सी बात है कि हम जीतने के लिए यहां आए हैं लेकिन इसे लेकर होड़ नहीं चल रही है."
डेली टेलीग्राफ के खेल पत्रकार और विश्व फुटबॉलर वाली प्रतियोगिता में वोटिंग का अधिकार रखने वाले हेनरी विंटर ने लिखा है कि उनकी नजर में रोनाल्डो बेहतर हैं क्योंकि उनकी मदद से रियाल ने पिछले साल ला लीगा मुकाबला जीता और उनकी टीम चैंपियंस लीग के सेमीफाइनल तक पहुंची.
विंटर ने लिखा, "हफ्ते दर हफ्ते रोनाल्डो ने विशाल चुनौतियों का सामना किया. उन्होंने बेहद खराब परिस्थितियों में भी टीम के लिए गोल किए. कुल 46 बार गोल करके अपनी टीम को जिताया. यह शानदार प्रदर्शन था और इसके बाद निजी तौर पर उनका सम्मान किया जाना चाहिए था."
दूसरी तरफ मेसी की बार्सिलोना या अर्जेंटीना की टीम ने कोई करिश्मा नहीं किया, फिर भी उनके निजी खेल की वजह से उन्हें विश्व का सबसे अच्छा फुटबॉलर आंका गया.
एजेए/ओएसजे (एएफपी)