टाइटल की ललक लिए जर्मन टीम
९ जून २०१२जर्मन ट्रेनर योआखिम लोएव ने यूरोपीय चैंपियनशिप में अपनी टीम के लिए साफ लक्ष्य रखा है. "हम 2008 और 2010 के टूर्नामेंटों में थोड़े से चूक गए थे, अब हमें अगला कदम उठाना है." जर्मन टीम इंग्लैंड में यूरोपीय चैंपियनशिप में जीत के 16 साल बाद फिर से टाइटल जीतना चाहती है. जर्मन ट्रेनर कहते हैं, "हममें इतना आत्मविश्वास है कि कह सकें कि हम बहुत आगे तक जाएंगे." लेकिन 1 जुलाई को यूक्रेन की राजधानी कीएव में होने वाले फाइनल का रास्ता ग्रुप बी के मुश्किल पहले राउंड से होकर जाता है, जिसमें जर्मनी के प्रतिद्वंद्वी पुर्तगाल, नीदरलैंड्स और डेनमार्क हैं. जर्मन फुटबॉल संघ के प्रमुख वोल्फगांग नीयर्सबाख कहते हैं, "सब कुछ हो सकता है. हम पहले राउंड के बाद बाहर हो सकते हैं, हम यूरोपीय चैंपियन भी बन सकते हैं."
जर्मन टीम टाइटलधारी स्पेन के साथ उन टीमों में शामिल है, जिन्हें इस बार जीत का प्रबल दावेदार माना जा रहा है. क्वालिफिकेशन राउंड के दस मैचों में दस जीतों ने उम्मीदें जगाई हैं. ट्रेनर लोएव इस टूर्नामेंट की सबसे युवा टीम के बारे में भरोसा दिलाते हैं, "हम लगातार विश्व चोटी पर हैं और खेल में हमें बहुत मजा आ रहा है. इसके अलावा हमारी टीम में अच्छे गुण और टीम भावना है." जर्मन टीम की औसत आयु 24.4 वर्ष है. 2010 में विश्व कप में भाग लेने वाली टीम की औसत उम्र 24.9 वर्ष थी. "यह विकास की क्षमता वाले युवा खिलाड़ियों और टूर्नामेंट के अनुभव वाले खिलाड़ियों की संतुलित टीम है."
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सितारे
डिफेंडर बास्टियान श्वाइनश्टाइगर इसे सर्वोत्तम राष्ट्रीय टीम बताते हैं जिसमें वे खेले हैं. वे और टीम में उनके सात साथी बायर्न म्यूनिख की उस टीम से हैं जो चैंपियंस लीग के फाइनल में चेल्सी से टाई ब्रेकर में 3-4 से हार गई थी. उस मैच की यादें दिमाग पर हावी हैं. श्वाइनश्टाइगर कहते हैं, "तुम दिमाग खाली करने की कोशिश करते हो, लेकिन फिर भी लगातार उसी खेल के बारे में सोचते हो." उनके लिए यह टूर्नामेंट नई शुरुआत है. "हर कोई चाहता है कि हम टाइटल घर लाएं, हम भी यही चाहते हैं."
जर्मन टीम में बायर्न के आठ खिलाड़ियों के अलावा राष्ट्रीय चैंपियन डॉर्टमुंड के चार खिलाड़ी हैं. युवा स्टार मारियो गोएत्से और मार्को रॉयस टूर्नामेंट की अंतरराष्ट्रीय खोज साबित हो सकते हैं. स्पेनी चैंपियन रियाल मैड्रिड में खेलने वाले मेसुत ओएजिल और सेमी केदीरा टीम की आशा हैं. टीम मैनेजर ओलिवर बीयरहोफ कहते हैं, "यह अच्छा है कि टीम में ऐसे खिलाड़ी हैं जो सफल और आत्मविश्वास से भरे हैं.ओएजिल और केदीरा ने रियाल के लिए बहुत किया है." खुद ओएजिल नम्र हैं, "मेरा लक्ष्य है, मैदान पर टीम की जितनी हो सके मदद करना. यह मायने नहीं रखता कि गोल कौन रहा है और गोल कौन तैयार कर रहा है."
प्रतिरक्षा पंक्ति तय नहीं
टीम में गोलकीपर का मुद्दा तय है. गोली के ट्रेनर आंद्रेयास कौएप्के कहते हैं, "मानुएल नौयर नंबर एक पर हैं." बायर्न के गोलकीपर के साये में ब्रेमेन के टिम वीजे और हनोवर के रॉन रॉबर सीलर हैं. लोएव की चिंता प्रतिरक्षा और मिडफील्ड से मदद की कमी है. टेस्ट मैच में स्विट्जरलैंड के खिलाफ 3-5 की हार में डिफेंस की कमजोरी सामने आ गई. ट्रेनर कहते हैं कि इस पर अभी काम करना होगा. चार खिलाड़ियों के डिफेंस में सिर्फ कप्तान फिलिम लाम की जगह पक्की है.
टीम के स्टार खिलाड़ी मिडफील्ड और स्ट्राइक में हैं. लोएव कहते हैं, "हम आक्रामक खेल उच्च स्तर पर खेल सकते हैं." यहां उनके पास ओएजिल और केदीरा के अलावा गौएत्से, रौयस, श्वाइनश्टाइगर, थोमास म्युलर, टोनी क्रूस और लुकास पोडोल्स्की जैसे खिलाड़ी हैं. इनके अलावा नए खिलाड़ी आंद्रे शुइर्ले, लार्स बेंडर और इल्काय गुइंडोगान को भी खेलने की उम्मीद है. चूंकि योआखिम लोएव एक मैच में सिर्फ एक स्ट्राइकर को खेलाते हैं, उन्हें मारियो गोमेस और मिरोस्लाव क्लोजे में से एक को चुनना होगा.
चौथे टाइटल का लक्ष्य
रणनीति और खेल के हिसाब से जर्मनी टूर्नामेंट की मुख्य टीमों में शामिल है. यह बात जर्मन टीम ने दक्षिण अफ्रीका में 2010 के विश्व कप में तीसरा स्थान पाकर भी दिखाई है. इसके अलावा उसने टेस्ट मैचों में रिकॉर्ड संख्या में विश्व चैंपियन रहे ब्राजील को 3-2 से हराया है तो विश्व कप में दूसरे स्थान पर आने वाले नीदरलैंड्स को 3-0 से हराया. लोएव कहते हैं, "हम पूरी ताकत और सकारात्मक ऊर्जा के साथ टूर्नामेंट में जा रहे हैं, लेकिन आराम के साथ भी जैसा कि हम पिछले महीनों में दिखे हैं. हमें खेल में यह आराम खोना नहीं है." उनका कहना है कि टीम लगातार आगे खेलना चाहती है, आक्रामक रहना चाहती है, सक्रिय रहना चाहती है. 52 वर्षीय ट्रेनर कहते हैं, "मुझे 1-0 के बनिस्पत 4-2 ज्यादा पसंद है."
तीन टाइटल जीतों के साथ जर्मनी सबसे ज्यादा बार यूरोपीय चैंपियन रहा है. जर्मन टीम कुल मिलाकर छह बार फाइनल में पहुंची है. अंतिम बार 2008 में ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड में हुए यूरो चैंपियनशिप में वह फाइनल में पहुंची थी. वियना में हुए फाइनल में वह स्पेन से हार गई थी.
रिपोर्ट: आर्नुल्फ बोएचर/मझा
संपादन: ओंकार सिंह जनौटी