टीम अन्ना को अदालत की फटकार
२३ दिसम्बर २०११इसके अलावा कोर्ट ने यह भी कहा कि जो आपके लिए आंदोलन है, हो सकता है कि दूसरों के लिए सिरदर्द हो. अदालती फैसले के बाद अन्ना हजारे ने 27 दिसंबर से प्रस्तावित तीन दिनों का अनशन जारी रखने का फैसला किया है और कहा है कि मुंबई के एमएमआरडीए ग्राउंड का किराया वह चंदा जमा करके चुका देंगे.
अन्ना हजारे ने अपने गांव रालेगन सिद्धि में कहा, "एमएमआरडीए थोड़ी छूट दे रहा है. फिर भी ग्राउंड का किराया सात लाख रुपये आएगा. चंदा सिर्फ चेक और ड्राफ्ट से लिया जाएगा और यह भी देखा जाएगा कि कौन लोग चंदा दे रहे हैं." हजारे ने बताया कि उनके नजदीकी अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी उनके साथ मुंबई में अनशन पर बैठेंगे, जबकि दूसरे कार्यकर्ता उनके समर्थन में दिल्ली में अनशन करेंगे.
अन्ना का कहना है कि उनके समर्थकों ने रियायत हासिल करने के लिए अदालत जाने का फैसला ठीक नहीं किया. अगर उनसे पूछा जाता तो वह इसके लिए मना करते. 74 साल के हजारे ने कहा, "आजाद मैदान का इलाका काफी नहीं है. एमएमआरडीए ने कहा था कि वे लोग थोड़ी रियायत दे देंगे. उन्होंने कहा था कि अगर हमारी संस्था रजिस्टर्ड है, तो छूट मिल सकती है. लोगों ने अभी से एक दो लाख रुपये का चंदा देने का एलान कर दिया है. अगर लोग चंदा के लिए तैयार हैं और एमएमआरडीए छूट के लिए तैयार है, तो मैंने अपने समर्थकों से कहा कि वे इसे ले लें."
इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने टीम अन्ना की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें एमएमआरडीए का किराया कम करने के लिए महाराष्ट्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी. अदालत ने कहा कि वह नहीं तय कर पा रही है कि यह आंदोलन जनता के हित में है या राजनीति से प्रेरित.
अदालत ने कहा, "यह न्याय के दायरे में नहीं है. अगर हम आपकी याचिका पर कोई आदेश जारी करते हैं तो हम भी संसद के काम में बाधा पहुंचा देंगे." अदालत ने पूछा, "जब इस बिल पर संसद में गतिरोध बना हुआ है तो हम इसके समांतर कुछ नहीं कर सकते हैं. अभी तक यह बिल पास नहीं हुआ है. किसी को नहीं मालूम कि यह किस रूप में पास होगा. क्या इस मोड़ पर जनता के बीच बहस जायज है."
इस बीच किरण बेदी ने साफ कर दिया कि अन्ना हजारे का अनशन दिल्ली में नहीं होगा क्योंकि एक तो दिल्ली में कड़ाके की ठंड पड़ रही है और दूसरे अन्ना हजारे बुजुर्ग हैं. हालांकि टीम अन्ना को दिल्ली के रामलीला ग्राउंड में पांच दिनों के आंदोलन के लिए दिल्ली पुलिस से इजाजत मिल चुकी है.
अन्ना हजारे के आंदोलन के दबाव में सरकार ने लोकपाल विधेयक संसद में पेश तो कर दिया है लेकिन इस पर उलझन बनी हुई है. पहले कुछ पार्टियों ने इसमें रिजर्वेशन की मांग कर दी और बाद में बीजेपी इसके खिलाफ हो गई. संसद का सत्र इस विधेयक की वजह से तीन दिनों के लिए बढ़ा दिया गया है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः महेश झा