टूट के कगार पर डीएमके-कांग्रेस गठबंधन
५ मार्च २०११शुक्रवार को डीएमके के प्रमुख और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम करुणानिधि ने यह कह कर सीट बंटवारे के विवाद को एक नया मोड़ दे दिया कि पार्टी की उच्चस्तरीय समिति इस बारे में शनिवार को उचित फैसला लेगी. एक बयान में उन्होंने पूछा कि क्या सही है कि 60 सीटों के लिए राजी होने वाली कांग्रेस अब 63 सीटें मांगे. 13 अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर डीएमके और कांग्रेस ने सीटों के बंटवारे को लेकर तीन बार बैठक की है लेकिन दोनों पार्टियों के मतभेदों को दूर नहीं किया जा सका.
करुणानिधि ने कहा कि उनकी पार्टी कांग्रेस को 60 सीटें देने को राजी है जो पिछली बार सिर्फ 48 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. तमिलनाडु के कांग्रेस प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने यह बात कांग्रेस हाई कमान को बताई और यह समझा जा रहा था कि दोनों पार्टियां एक या दो दिन में सीटों के बंटवारे से जुड़े समझौते पर हस्ताक्षर कर देंगी. लेकिन शुक्रवार को कांग्रेस ने डीएमके को बताया कि वह 63 सीटों से कम पर किसी भी सूरत में राजी नहीं होगी. करुणानिधि के बयान में कहा गया है कि इस बारे में आखिरी फैसला शनिवार शाम चेन्नई में उनके निवास पर होने वाली बैठक में लिया जाएगा.
कभी एक दूसरे का शिद्दत से साथ देने वाली डीएमके और कांग्रेस अब अपने रास्ते जुदा करने के कगार पर आ पहुंची हैं. दोनों पार्टियों के मदभेदों की खाई सीटों के बंटवारे को लेकर और बढ़ गई है. करुणानिधि ने कहा कि कई और पार्टियों की मौजूदगी को देखते हुए पहले डीएमके कांग्रेस को 51 सीटें देना चाहती थी. जैसे जैसे बातचीत आगे बढ़ी तो यह मांग 53, 55 और 58 तक पहुंची और आखिर में आजाद की मौजूदगी में 60 सीटों पर सहमति बनी. लेकिन शुक्रवार को टेलीफोन पर बताया गया कि कांग्रेस को 63 सीटें चाहिए और वही यह फैसला भी करेगी कि उसे कौन सी सीटों पर चुनाव लड़ना है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ओ सिंह