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ट्यूनिशिया का ठीकरा विकीलीक्स के सिर

१६ जनवरी २०११

लीबिया के राष्ट्रपति एम गद्दाफी ने कहा है कि उन्हें ट्यूनिशिया के राष्ट्रपति जिने अल आबेदिन बेन अली को सत्ता से हटाए जाने से बहुत दुख पहुंचा है. इसकी जिम्मेदारी उन्होंने वीकीलीक्स पर डाली है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

लीबियाई टेलीविजन पर जारी एक बयान में गद्दाफी ने कहा, "मुझे ट्यूनिशिया के लोगों की चिंता है जिनके बेटे हर रोज मर रहे हैं. और किस लिए? ताकि बेन अली की जगह कोई और राष्ट्रपति बन जाए?"

पड़ोसी देश ट्यूनिशिया के लोगों के नाम इस बयान में गद्दाफी ने बेन अली का पक्ष लिया. उन्होंने कहा, "मैं उन लोगों को नहीं जानता, लेकिन मैं बेन अली को जानता हूं. और मैं उस बदलाव को जानता हूं जो ट्यूनिशिया ने हासिल किया. आप क्यों उस सब को बर्बाद कर रहे हो?"

गद्दाफी ने ट्यूनिशिया के लोगों को विकीलीक्स के खिलाफ चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि विकीलीक्स झूठ बोलने वाले राजदूतों की लिखी सूचनाएं प्रकाशित करके अव्यवस्था फैला रहा है. पिछले महीने विकीलीक्स ने ट्यूनिस के अमेरिकी दूतावास का भेजा एक संदेश प्रकाशित किया था. इसमें बेन अली के परिवार को माफिया जैसा बताया गया और उसके संगठित भ्रष्टाचार में शामिल होने की बात कही.

ट्यूनिशिया के हालात

ट्यूनिशिया की मुख्य वैध राजनीतिक पार्टियां रविवार को एकमत से सरकार बनाने के लिए बातचीत कर रही हैं. देश से भाग चुके बेन अली के समर्थकों के बीच अब भी गुस्सा है और उसके भड़कने का डर माहौल को तनावग्रस्त बनाए हुए है. सरकारी अधिकारियों ने कहा है कि हाल ही में हुए प्रदर्शनों के दौरान मारे गए नागरिकों की मौत की जांच की जाएगी.

मुख्य विपक्षी दल डेमोक्रैटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के प्रमुख माया जरीबी ने कहा, "मैं प्रधानमंत्री मोहम्मद घनौची से मिल रहा हूं."

देश की कम्यूनिस्ट पार्टी और इस्लामिस्ट इन्नादा पार्टी को बातचीत से बाहर रखा गया है. इन पार्टियों को बेन अली के शासन के दौरान बैन कर दिया गया था. बेन अली 23 साल तक देश के राष्ट्रपति रहे लेकिन बीते एक हफ्ते से जारी विरोध प्रदर्शनों ने उन्हें देश छोड़कर चले जाने को मजबूर कर दिया.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एन रंजन

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