ट्यूनिशिया में प्रदर्शनों में दर्जनों की मौत
११ जनवरी २०११इसके पहले छात्रों ने फेसबुक पर रैलियों का आह्वान किया, जिसमें खून में सना ट्यूनिशिया का झंडा दिखाया गया. अधिकारियों ने माना है कि 18 लोग मारे गए हैं लेकिन दावा किया है कि सुरक्षा बलों ने आत्मरक्षा में कार्रवाई की है. राष्ट्रपति जिने अल अबीदीन बेन अली ने प्रदर्शनकारियों को आतंकवादी की संज्ञा दी है और कहा है कि वे विदेशों से संचालित हैं.
इस बीच पैरिस स्थित अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार फेडरेशन ने कहा है कि प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी में 35 लोग मारे गए हैं जबकि स्थानीय ट्रेड यूनियन फेडरेशन ने 50 लोगों के मरने की बात कही है.
सख्ती से प्रशासित ट्यूनिशिया में 17 दिसंबर को एक 26 वर्षीय स्टूडेंट के आत्मदाह के प्रयास के बाद प्रदर्शन शुरू हो गए. पुलिस ने उसका वह सामान जब्त कर लिया था जिसे बेचकर वह जीविका चलाता था. उसकी पिछले सप्ताह अस्पताल में मौत हो गई. इस बीच चल रही सरकार विरोधी रैलियों में युवाओं के अलावा वकील और मजदूर संगठन शामिल हो गए हैं.
यूरोपीय संघ, अमेरिका, फ्रांस और संयुक्त राष्ट्र ने स्थिति पर चिंता व्यक्त की है और 1987 से शासन कर रहे राष्ट्रपति जिने अल अबीदीन बेन अली की सरकार से संयम दिखाने को कहा है. ट्यूनिशिया के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार यूरोपीय संघ ने जान माल के नुकसान पर अफसोस व्यक्त किया है.
उपद्रवों के बाद बेन अली ने 2012 तक 3 लाख नए रोजगार बनाने की घोषणा की है और कहा है कि वे फरवरी में एक राष्ट्रीय रोजगार सम्मेलन बुलाएंगे. ट्यूनिशिया में सरकारी बेरोजगारी दर 14 फीसदी है लेकिन रोजगार से वंचित ग्रैजुएट युवाओं की संख्या दोगुनी है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: वी कुमार