"डेविस ने आईएसआई एजेंटों को मारा"
१० फ़रवरी २०११अमेरिकी टीवी चैनल की रिपोर्ट में कहा है कि आईएसआई डेविस पर नजर रख रही थी क्योंकि उन्होंने राजनयिक लक्ष्मणरेखा को पार करते हुए जासूसी की. इस रिपोर्ट में पाकिस्तान के चार अधिकारियों का हवाला दिया गया है जिनके नाम जाहिर नहीं किए गए हैं. बताया जाता है कि डेविस ने जिन दो लोगों को गोली मारी, वे दो घंटे से उनका पीछा कर रहे थे. एक अधिकारी ने बताया कि उन दोनों ने कैमरा और मोबाइल फोन पर डेविस की कुछ रिकॉर्डिंग भी की.
जनवरी में डेविस से लाहौर के उस इलाके को भी छोड़ देने को कहा गया जो विशेष रूप से सेना के लिए आरक्षित है. डेविस के मोबाइल फोन को भी ट्रैक किया गया जिससे कुछ फोन पाकिस्तान के लिए कबायली इलाकों में भी किए गए. इस क्षेत्र को पाकिस्तानी तालिबान और अन्य दर्जन भर उग्रवदी गुटों की शरणस्थली माना जाता है.
विश्वास की कमी
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी डेविस को एक खतरे के तौर पर देखते थे, जो अपनी दायरे से बाहर चले गए. इसीलिए आईएसआई ने भाड़े के बंदूकधारियों को डेविस का पीछा करने के लिए लगाया. चारों अधिकारियों का कहना है कि इससे पता चलता है कि पाकिस्तान और अमेरिकी खुफिया अधिकारियों के बीच विश्वास की कितनी कमी है.
एबीसी की रिपोर्ट में कहा गया कि अमेरिकी अधिकारी बंदूकधारियों को आईएसआई का आदमी नहीं मानते. अमेरिकी सरकार राजनयिक पासपोर्ट पर पाकिस्तान गए डेविस को इस्लामाबाद के अमेरिकी दूतावास के तकनीकी प्रशासनिक स्टाफ का सदस्य बताती है. रिपोर्ट के मुताबिक, "अमेरिकी अधिकारी इन खबरों में विश्वास नहीं करते कि जिन लोगों को डेविस ने गोली मारी, वे आईएसआई के लिए काम कर रहे थे. उनका कहना है कि डेविस की कार की तरफ बढ़ने से पहले उन दोनों ने एक व्यक्ति को लूटा."
चार मौतें
लाहौर के व्यस्त इलाके में मोटरसाइकिल पर सवार दो लोगों की गोली मार कर हत्या करने के बाद डेविस को 27 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया गया. डेविस का कहना है कि उन्होंने सिर्फ अपने बचाव में गोली चलाई. पुलिस को दो मृतकों के पास से पिस्तौलें बरामद हुईं. पाकिस्तान में खुफिया एजेंसियों के लिए लोग किसी का पीछा करने के लिए अकसर मोटरसाइकिल का इस्तेमाल करते हैं. तीसरे पाकिस्तानी की मौत डेविस की मदद के लिए आई गाड़ी से टक्कर लगने के कारण हुई जबकि डेविस की गोली से मरने वाले एक व्यक्ति की विधवा ने भी आत्महत्या कर ली.
अमेरिका अपने नागरिक डेविस की तुरंत रिहाई की मांग कर रहा है जिसे पाकिस्तानी अधिकारियों ने यह कह खारिज कर दिया है कि इस बारे में फैसला अदालत को करना है. लाहौर हाई कोर्ट अपने फैसले में कह चुकी है कि डेविस को अमेरिका को नहीं सौंपा जा सकता.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ए जमाल