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'डेविस मामले का अमेरिका से बातचीत पर असर नहीं'

१३ फ़रवरी २०११

पाकिस्तान ने उम्मीद जताई है कि अमेरिकी दूतावास के अधिकारी रेमंड डेविस की गिरफ्तारी का काबुल, अमेरिका और पाकिस्तान के बीच होने वाली बातचीत पर असर नहीं होगा. अमेरिका ने बातचीत टालने की बात कही है.

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तस्वीर: AP

पाकिस्तान और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ रहा है. रेमंड डेविस ने पिछले महीने की 27 तारीख को दो पाकिस्तान युवकों को गोली मार दी. उनका आरोप है कि वह दोनों उन्हें लूटने की कोशिश कर रहे थे. अमेरिकी विदेश विभाग ने शनिवार को कहा कि कि वॉशिंगटन में इस महीने होने वाली अमेरिका, अफगानिस्तान और पाकिस्तान की बैठक टाल दी गई है. इसके पीछे पाकिस्तान में 'राजनीतिक बदलाव' को वजह बताया गया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने पिछले हफ्ते अपने और नए छोटे कैबिनेट का एलान किया. नए कैबिनेट में विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को जगह नहीं मिल सकी है.

न तो पाकिस्तान ने न ही अमेरिका ने त्रिपक्षीय बैठक को टालने के पीछे डेविस की गिरफ्तारी को वजह बताया है. हालांकि राजनयिकों के मुताबिक अमेरिका ने इस प्रकार से पाकिस्तान पर दबाव बनाने की कोशिश की है. इन कोशिशों तहत अधिकारियों को पाकिस्तान दौरे भी रोक दिए गए हैं.

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल बसित ने बताया कि पाकिस्तान इस प्रस्तावित बैठक की नई तारीख के जल्द एलान का इंतजार कर रहा है. उनका कहना है कि इस तरह की बैठकें शांति और सुरक्षा के लिए लिहाज से अच्छे नतीजे देती हैं. बसित ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा, "उमें उम्मीद है कि कोई एक शख्स अमेरिका पाकिस्तान के रिश्तों को तय नहीं कर सकता और हमारे आपसी रिश्तों के रणनीतिक महत्व की अनदेखी नहीं की जाएगी."

अफगानिस्तान में स्थायित्व के मसले पर त्रिपक्षीय बैठक थोड़े थोड़े समय के अंतर पर होती हैं. अफगानिस्तान में अमेरिका के एक लाख से ज्यादा सैनिक तालिबान लड़ाकों से लोहा ले रहे हैं. इधर पाकिस्तान भी अपने देश में चरमपंथियों से मुकाबला कर रहा है. लेकिन अब डेविस की गिरफ्तारी का मामला पाकिस्तान और अमेरिकी अधिकारियों के बीच तनाव बढ़ा रहा है. दोनों देश एक दूसरे के साथ सुरक्षा मामलों में सहयोगी होने का दावा करते हैं.

शुक्रवार को पाकिस्तान की एक अदालत ने डेविस को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. इस घटना के बाद अमेरिका का गुस्सा बढ़ना लाजिमी था. अब इस बात पर सवाल उठ रहे हैं कि अमेरिका के सबसे बड़े गैर नाटो सैन्य सहयोगी देश के साथ क्या इस घटना के बाद रिश्तों में दरार आ जाएगी.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः ओ सिंह

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