डॉक्यूमेंट्री फिल्म से श्रीलंका की मुश्किलें बढ़ीं
१६ जुलाई २०११'श्रीलंकाज किलिंग फील्ड्स' नाम की डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण के बाद शुक्रवार को अमेरिकी संसद के मानवाधिकार आयोग के उपाध्यक्ष जेम्स मैकगोवेर्न ने कहा, यह "इंसानों का वीभत्स उदाहरण है. फिल्म के दृश्य चौंकाने से कहीं ज्यादा असर डालते हैं. इस बात के मजबूत के सबूत हैं कि इन अपराधों के लिए जिम्मेदार लोगों को खिलाफ एक स्वतंत्र जांच कराई जाए."
"अगर श्रीलंका सरकार कदम उठाने में हिचकिचाती है तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इसका जवाब देना चाहिए." मैकगोवेर्न ने दोषियों को सजा देने की मांग की. उन्होंने कहा कि अगर श्रीलंकाई सरकार से जुड़े लोग दोषी हैं तो उन्हें भी सजा के दायरे में लाया जाना चाहिए.
'श्रीलंकाज किलिंग फील्ड्स' में मोबाइल फोन से बनाए गए वीडियो भी हैं. आरोप है कि तमिल विद्रोहियों के खिलाफ आखिरी युद्ध के दौरान श्रीलंका की सेना ने मानवाधिकारों की धज्जियां उड़ाई. फिल्म में दिखाया गया है कि किस तरह श्रीलंकाई सैनिक बंधे हुए नग्न कैदियों को जमीन पर लिटा कर गोली मार रहे हैं. 2009 में लिट्टे के खिलाफ चलाए गए सैन्य अभियान के दौरान सेना ने नागरिक अस्पताल पर बमबारी की.
महिलाओं पर भी अत्याचार
फिल्म में लिट्टे से जुड़ी महिलाओं के शव दिखाए गए हैं, ऐसा लगता है कि जैसे हत्या से पहले उनसे यौन बदसूलकी की गई. फिल्म में तमिल विद्रोहियों की बर्बरता भी दिखाई गई है. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में भी दोनों पक्षों पर मानवाधिकारों के हनन के आरोप लगाए गए हैं. यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक श्रीलंकाई सेना आत्मसमर्पण करने के बावजूद विद्रोही नेताओं की हत्या की. लड़ाई के अंतिम महीनों में करीब 7,000 आम लोग मारे गए. इनमें ज्यादातर तमिल थे.
ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका में यह डॉक्यूमेंट्री फिल्म प्रसारित हो चुकी है.ऑस्ट्रेलिया में श्रीलंका के खिलाफ नाराजगी है. मानवाधिकार संगठन दबाव डाल रहे है कि ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम अपना श्रीलंका का दौरा रद्द करे. ब्रिटेन सरकार भी श्रीलंका से युद्ध अपराध के मामलों की जांच कराने को कह रही है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भी श्रीलंका को चेतावनी देते हुए कहा है कि कोलंबो कार्रवाई करे या अंतरराष्ट्रीय दबाव झेलने के लिए तैयार रहे.
श्रीलंका के अधिकारियों ने डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाने में मदद करने वाले एक व्यक्ति को पिछले हफ्ते गिरफ्तार किया है. इस गिरफ्तारी के बाद श्रीलंका सरकार पर शक और गहरा गया है. सेना के अलावा मानवाधिकार हनन के आरोप राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे पर भी लग रहे हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: आभा एम