डोपिंग पर अजीबोगरीब दलीलें देते हैं खिलाड़ी
३ अक्टूबर २०१०कोई कहता है कि उसके टूथपेस्ट के साथ छेड़खानी हुई है तो कोई इनहेलर के धमाके को इसकी वजह बताता है और कोई अपने अजन्मे जुड़वां भाई को दोषी ठहराता है. खिलाड़ी मैदान पर अपनी क्षमता ही नहीं दिखाते वे दलील गढ़ने के मामले में गजब की रचनात्मकता भी दिखाते हैं.
जब चोटी के खिलाड़ी अपनी गल्तियां छुपाने के लिए बचकानी दलीलें देते हैं तो अजीब सा लगता है. टेबल टेनिस खिलाड़ी दिमित्री ओवचारोव और अलबैर्तो कोंटाडोर में यह समानता है कि दोनों ही अपनी अपनी विधाओं के अत्यंत सफल खिलाड़ी हैं, दोनों ने बहुत सी ट्रॉफियां जीती हैं, दोनों पर डोपिंग का आरोप है और दोनों का कहना है कि उन्होंने प्रदूषित खाना खाया.
दोनों के खून में प्रतिबंधित तत्व क्लेनबुटेरोल मिला. क्लेनबुटेरोल आम तौर पर बछड़ों और घोड़ों में पाया जाता है. दोनों ही का मांस खाया जाता है. ओवचारोव का कहना है कि चीन के दौरे पर यह तत्व गैरइरादतन उनके शरीर में चला गया.
दूसरे खिलाड़ियों की दलीलें भी कम मजेदार नहीं थीं. दो बार ओलंपिक सोना जीतने वाले टाइलर हेमिल्टन ने दावा किया था कि उनके शरीर खून के पराए सेल गर्भ में ही मर गए उनके जुड़वां भाई के स्टेमसेल से पैदा हुए. प्रसिद्ध साइकल रेस टूअर दे फ्रांस जीतने वाले जर्मन खिलाड़ी यान उलरिष ने अपने खून में एम्फेटेमीन पाए जाने की वजह उन दो टैबलेट को बताया था जो उन्हें एक डिस्को में खिला दिए गए थे. उन्होंने माना था कि वे ना नहीं कह पाए थे.
5000 मीटर की ओलंपिक दौड़ जीतने वाले डीटर बाउमन के खून में जब नांद्रोलोन की बढ़ी हुई मात्रा मिली तो उन्होंने तो इसकी वजह आपराधिक कार्रवाई को बता दिया.उन्होंने दावा किया किसी ने उनके टूथपेस्ट के साथ छेड़खानी की है और उसमें नांद्रोलोन डाल दिया था.
2006 में टूअर दे फ्रांस जीतने वाले फ्लॉयड लैंडिस ने दावा किया था कि गेम में डोपिंग आम है और हाइ प्रोफाइल लैंस आर्मस्ट्रांग भी इससे बचे नहीं थे. सात बार टूअर दे फ्रांस जीतने वाले आर्मस्ट्रांग ने हमेशा डोपिंग करने से इनकार किया और हमेशा डोपिंग टेस्ट में सफल रहे.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: वी कुमार