तालिबान से आजाद हुआ कुंदुज
१ अक्टूबर २०१५कुंदुज के कार्यकारी राज्यपाल हमदुल्लाह दानिशी ने समाचार एजेंसी डीपीए को टेलीफोन पर बताया, "हमने कुंदुज पर दोबारा अपना अधिकार स्थापित कर लिया है. शहर के कुछ इलाकों में छिटपुट गोलाबारी हो रही है क्योंकि कुछ तालिबानी घरों में जा छिपे हैं." दानिशी ने राज्यपाल के सरकारी दफ्तर से बात करते हुए यह बयान दिया. इस सरकारी इमारत पर भी तालिबान ने कब्जा किया हुआ था.
दानिशी ने बताया कि तालिबान के खिलाफ हुए ऑपरेशन में 600 से 700 अफगान सुरक्षाबल मौजूद थे. उन्होंने कहा कि इस साझा कार्रवाई में विदेशी सेनाओं की भी मदद मिली. रिपोर्टों के अनुसार 136 तालिबानी लड़ाकों को मार गिराया गया है. इनमें दो पाकिस्तानी मूल के और दस चेचेन्याई और अरब भी शामिल हैं. नाटो की सेना अभी भी शहर में मौजूद है और ऑपरेशन जारी है.
कुंदुज के पुलिस प्रवक्ता सैयद सरवर हुसैनी ने डॉयचे वेले से बातचीत में बताया, "ऑपरेशन रात 9 बजे शुरू हुआ. शहर के केंद्र को तालिबान से छुड़ाया गया. हमारे कई सिपाहियों की जान गयी है. लेकिन अभी हमारे पास सही आंकड़े मौजूद नहीं हैं."
शहर में अभी भी तनाव बना हुआ है. कुंदुज के निवासी फैसल अहमद ने डॉयचे वेले को बताया, "जब तालिबान ने शहर पर कब्जा किया हुआ था, तब सभी रास्ते बंद कर दिए गए थे. सब दुकानें बंद थीं. आप शहर में कहीं रोटी और पानी भी नहीं खरीद सकते थे. अभी भी कई जगह ना टेलीफोन की लाइनें चल रही हैं और ना ही बिजली है."
अहमद खुद भी एक दुकान चलाते हैं और बताते हैं कि शहर में इतना खतरा है कि वे बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. उनका कहना है, "उन्होंने (तालिबानियों ने) कई दुकानें जला दीं, बैंक लूट लिए. अब वे लोगों के घरों में जबरन घुस रहे हैं. वे हमें भी जंग में शामिल होने को कह रहे हैं, हमारे हाथों में हथियार देने की कोशिश कर रहे हैं. इस तरह के बहुत से खतरे हैं, इसलिए लोग दरवाजा खोलने से भी डर रहे हैं." एक अन्य निवासी शौकरुल्लाह ने समाचार एजेंसी डीपीए को बताया कि शहर अब भी बंद है और तालिबानियों के शव बाजार में बिखरे पड़े हैं.
वहीं तालिबान का कहना है कि उसने अभी हार नहीं मानी है. तालिबान के प्रवक्ता बीउल्लाह मुजाहिद ने ट्वीट कर के कहा, "कुंदुज में जीवन सामान्य है." इसके अलावा मुजाहिद ने समाचार एजेंसी एपी को एसएमएस कर कहा, "अमेरिका अपनी कठपुतलियों के साथ कुंदुज पर बमबारी कर रहा है. सरकारी सुरक्षाबालों को काफी नुकसान पहुंच रहा है. मुजाहिद ने यह भी कहा है कि शहर से निकलना तालिबान की एक चाल थी ताकि "दुश्मन सेना को शहर में घुसने दिया जाए और फिर घेर कर उन्हें मारा जा सके."
अफगान सेना शहर में जगह जगह छिपे तालिबानियों को खोजने का अभियान चला रही है.
आईबी/आरआर (एपी, डीपीए)