तालिबान से बात पर पाक अफगान सहमत
१६ अप्रैल २०११अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई ने कहा है कि संयुक्त शांति आयोग का दर्जा बढ़ाया जाएगा जो तालिबान के साथ शांति प्रक्रिया पर काम करेगा. करजई ने एक संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस में कहा, "पहले जो संयुक्त शांति आयोग विदेश मंत्रियों के स्तर पर होता था अब उसका दर्जा बढ़ाकर उसे सरकार के सर्वोच्च स्तर तक लाया जाएगा."
इस्लामाबाद जाएंगे करजई
अब शांति आयोग में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री, सेना प्रमुख और खुफिया एजेंसी के प्रमुख शामिल होंगे और तालिबान के साथ शांति समझौते पर काम करेंगे. अफगान राष्ट्रपति ने संकेत दिया कि काबुल की तरफ से भी ऐसा कदम उठाया जा सकता है.
दोनों नेताओं के बीच शांति प्रक्रिया को तेज करने के लिए कुछ अन्य कदम उठाने को लेकर भी बात हुई. करजई ने बताया कि वह जल्दी ही इस्लामाबाद की यात्रा करेंगे जहां शनिवार को काबुल में हुई बातचीत को आगे बढ़ाया जाएगा. हालांकि उन्होंने ज्यादा विस्तार से कुछ नहीं बताया.
अफगान पाक संबंध
तालिबान पिछले करीब एक दशक से अफगानिस्तान और विदेशी सेनाओं के साथ जंग लड़ रहे हैं. माना जाता है कि तालिबान का बेस पाकिस्तान में है. 11 सितंबर 2001 में अमेरिका में हुए आतंकवादी हमले से पहले पाकिस्तान अफगानिस्तान में तालिबान के शासन का प्रमुख समर्थक था. लेकिन बाद में वह तालिबान के खिलाफ जंग में अमेरिकी खेमे का सबसे अहम साझीदार बन गया.
कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि पाकिस्तान के अब भी अफगान तालिबान से संबंध हैं. हालांकि वह अपने यहां प्रभावशाली हो गए तालिबानी आतंकवादियों से भी लड़ रहा है. अफगानिस्तान पाकिस्तान और तालिबान के बीच संबंधों के आरोप लगाता रहा है. पाकिस्तान भी अफगानिस्तान से ज्यादा खुश नहीं है. हाल ही में पाक राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने कहा था कि अफगान युद्ध उनके देश को अस्थिर कर रहा है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ईशा भाटिया