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तिब्बत में पर्यटन को बढ़ावा देगा चीन

८ जुलाई २०१२

तिब्बत में चीन की नीतियों के खिलाफ विरोध और तिब्बत की स्वायत्तता की मांग के बीच चीन की सरकार वहां 4.8 अरब डॉलर निवेश कर रही है. वह इलाके में और पर्यटकों को आकर्षित करना चाह रहा है.

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तस्वीर: dapd

स्थानीय राजधानी लासा में चीन की सरकार 30 अरब युआन देकर एक खास थीम पार्क, एक व्यावसायिक इलाका और रिहायशी कम्प्लेक्स बनाना चाहती है. ल्हासा के उप मेयर मा शिनमिंग ने कहा कि प्रोजेक्ट का पहला चरण शुरू हो चुका है और यह इलाका ल्हासा से करीब दो किलोमीटर की दूरी पर होगा. इसे पूरा होने में तीन से लेकर पांच साल लगेंगे.

मा का कहना है कि यह प्रोजेक्ट तिब्बत के लिए एक "जिंदा संग्रहालय" जैसा होगा. और इससे तिब्बत के बाकी आकर्षक जगहों से पर्यटकों की भीड़ में भी कमी लाई जा सकेगी. पार्क में राजकुमारी विंचेंग के लिए एक खास जगह बनाई जाएगी. सातवीं सदी में चीन की राजकुमारी विंचेंग ने तिब्बत के एक शहंशाह से शादी की थी. बीजिंग में चीन सरकार ने कई बार इस कहानी का इस्तेमाल कर तिब्बत और चीन के बीच गहरे संबंधों को दर्शाने की कोशिश की है. इसके अलावा चीन सरकार इलाके में तिब्बती कला और संस्कृति केंद्रों को बनाने के बारे में सोच रही है.

2008 में चीन में ओलंपिक खेलों के पहले से ही वहां हिंसा शुरू हो गई थी जिसके बाद चीन ने ल्हासा में कड़ा नियंत्रण रखा है. तिब्बतियों का कहना है कि चीन ने उनके इलाके में उनकी संस्कृति और धर्म पर पाबंदियां लगाई हैं और तिब्बत को हान चीनी मूल के लोगों से खतरा है, जो बड़ी तादाद में तिब्बत आ रहे हैं. उधर चीन सरकार का कहना है कि तिब्बतियों को धर्म की पूरी आजादी है और उन्हें चीन की आर्थिक सफलता का फायदा हुआ है.

तिब्बत में दुनिया भर से पर्यटक आते हैं. 2011 में 85 लाख पर्यटक तिब्बत आए, यानी 2010 से 24 प्रतिशत ज्यादा. सरकार इस साल एक करोड़ पर्यटक लाना चाहती है.

एमजी/एनआर(एएफपी)

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