तुर्की का सीरिया पर आरोप, दूसरे प्लेन पर किया हमला
२६ जून २०१२उप प्रधानमंत्री बुलेंत एर्निक ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सीरियाई सेना ने दूसरे विमान पर गोलियां चलाईं. इससे सीरिया के तुर्की विमान पर हमला करने का विवाद एक बार और तीखा हो गया है.
एर्निक ने यह तो नहीं कहा कि यह घटना कब हुई और क्या विमान को नुकसान पहुंचा, लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा कि एफ-4 फैंटम जेट के दो लापता पायलटों की तलाश की जा रही है. तुर्की का दावा है कि अंतरराष्ट्रीय हवाई सीमा में इस जेट पर गाइडेड मिसाइल से शुक्रवार को हमला किया गया था.
एर्निक ने कहा, "इस तरह बिना किसी चेतावनी के प्लेन पर हमला करना शत्रुता की कार्रवाई है. सभी को मालूम होना चाहिए कि ऐसे व्यवहार की सजा मिलेगी."
तुर्की ने शुक्रवार की घटना पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को चिट्ठी लिख कर शिकायत की है. इसमें उन्होंने लिखा है कि यह तुर्की की राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ सीरियाई अधिकारियों की शत्रुतापूर्ण कार्रवाई है और इलाके की शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है.
तुर्की के अनुरोध पर नाटो देशों ने आपात बैठक बुलाई है. मंगलवार को नाटो चार्टर के आर्टिकल 4 के तहत ब्रसेल्स में बैठक की जाएगी.
नाटो के 63 साल के इतिहास में दूसरी बार हो रहा है कि धारा-4 के तहत नाटो की बैठक हो रही है. इस आर्टिकल के तहत बैठक तब होती है जब किसी सदस्य देश को अपनी सीमाएं, राजनीतिक स्वतंत्रता या सुरक्षा खतरे में लगती हैं.
'रक्षा के लिए'
तुर्की ने कहा है कि उसका युद्धक जेट असैनिक प्रशिक्षण अभियान पर था और इसे अंतरराष्ट्रीय हवाई सीमा में मारा गया. दोनों तुर्की पायलट लापता हैं. वहीं सीरिया ने अपनी कार्रवाई को सुरक्षात्मक बताते हुए खुद का बचाव किया और दावा किया कि प्लेन सीरिया की हवाई सीमा में था. सीरिया के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जिहाद मकदिसी ने कहा, "विमान पहले गायब हो गया और फिर सीरियाई हवाई सीमा में आ गया. यह सीरियाई तट से करीब एक दो किलोमीटर पर उड़ रहा था. हमें तुरंत कार्रवाई करने की जरूरत थी. अगर यह विमान सीरियाई भी होता तो हमने इसे मार गिराया होता. सीरिया की कार्रवाई हमारी संप्रुभता की रक्षा के लिए थी. जिस मशीन गन से हमला किया गया वह ज्यादा से ज्यादा ढाई किलोमीटर दूरी तक मार कर सकती है."
सैन्य हस्तक्षेप
मकदिसी ने तुर्की और नाटो दोनों को ही जवाबी कार्रवाई नहीं करने की चेतावनी दी है, "नाटो सदस्य देशों को मजबूत करने के लिए वहां है. अगर उनकी बैठक दुश्मनी के लिए होती है तो वह जान लें कि सीरिया की जमीन और पानी पवित्र हैं."
एएफपी समाचार एजेंसी का कहना है कि आर्टिकल चार के तहत नाटो की बैठक में तुर्की निश्चित ही सैनिक हस्तक्षेप नहीं चाहता. हालांकि वह कोशिश कर सकता है कि नाटो पूरी घटना को आर्टिकल पांच के तहत देखे. इस आर्टिकल के मुताबिक किसी नाटो देश पर हमला सभी सदस्य देशों पर हमले जैसा माना जाता है.
हालांकि डच विदेश मंत्री उरी रोसेनथाल ने कहा कि सीरिया में सैन्य हस्तक्षेप का 'सवाल ही पैदा नहीं होता'. उन्होंने तुर्की को इस घटना पर संयमित प्रतिक्रिया देने का अनुरोध किया है.
एएम/आईबी (एएफपी, रॉयटर्स)