त्रिपोली में नाटो की भारी बमबारी
१० मई २०११मंगलवार सुबह जेट विमानों ने त्रिपोली में कई हमले किए और प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक आठ बड़े धमाके सुनाई दिए. रिपोर्टों के अनुसार दो धमाके सरकारी मीडिया के दफ्तर के पास हुए हैं. इससे पहले विद्रोहियों के मुताबिक नाटो ने सोमवार को जिन्टान शहर में लीबियाई सेना के हथियार डिपो को चार बार निशाना बनाया.
नाटो प्रमुख आंदर्स फो रासमुसेन कह चुके हैं कि लीबियाई नेता मुअम्मर गद्दाफी के पास ज्यादा समय नहीं बचा है और उन्हें यह समझने की जरूरत है कि उनकी सरकार के दिन अब खत्म हो चुके हैं. मिसराता शहर के पास लीबियाई सेना और विद्रोहियों के बीच भारी लड़ाई जारी है.
बच्चे भी घायल
लीबियाई अधिकारियों के मुताबिक चार बच्चे घायल हुए हैं जिनमें दो की हालत गंभीर है. नाटो के मिसाइल हमले में ये बच्चे घायल हुए हैं. लीबियाई अधिकारियों ने विदेशी पत्रकारों को एक अस्पताल का दौरा कराया है जिसके शीशे टूटे हैं. लीबिया का कहना है कि नाटो के हमले में अस्पताल को नुकसान पहुंचा है और पास का एक दूरसंचार टावर क्षतिग्रस्त हुआ है. एक अन्य इमारत में भी इन पत्रकारों को ले जाया गया जो कथित रूप से 30 अप्रैल को हुए नाटो हमले में ध्वस्त हुई.
विद्रोहियों के मुताबिक नाटो विमानों ने तमीना और चैन्टीन में भी बमबारी की है जहां विद्रोहियों को गद्दाफी के वफादार सैनिकों ने घेरा हुआ है. लीबियाई सेना ने मिसराता में धावा बोला है और विद्रोहियों के कब्जे से शहर वापस लेने की कोशिश जारी रखी हैं. कई दिनों से जारी लड़ाई में सैकड़ों लोगों के मारे जाने की आशंका है.
मुश्किल में शरणार्थी
लीबिया के 25 शहरों के 70 प्रतिनिधियों ने विद्रोहियों के प्रति अपना समर्थन जाहिर किया है. प्रतिनिधियों की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि लीबिया में विद्रोह को वह समर्थन देते हैं और नेशनल ट्रांजिशनल काउंसिल में उनका विश्वास है.
रेड क्रॉस संस्था का कहना है कि उसने मिसराता के लिए राहत सामग्री रवाना की है. इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ माइग्रेशन का कहना है कि शरणार्थियों के प्रति उसकी चिंता बढ़ती जा रही है. लीबियाई तट के पास शुक्रवार को एक नाव के डूबे जाने से 600 लोगों की जान खतरे में पड़ गई हालांकि बाद में उन्हें बचा लिया गया.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: वी कुमार