त्रिपोली में भारी गोलीबारी, सरकार का लड़ाई से इनकार
६ मार्च २०११यह अभी साफ नहीं है कि यह गोलीबारी कौन कर रहा है और यह कैसे शुरू हुई. चश्मदीदों के हवाले से समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने खबर दी है कि मध्य त्रिपोली में भारी गोलीबारी की आवाजें सुनी गईं. गद्दाफी समर्थक नारे भी हवा में गूंज रहे थे. कारों के हॉर्न की आवाजें भी सुनी गई हैं. लीबिया में 41 साल से राज कर रहे गद्दाफी के खिलाफ शुरू हुए आंदोलन के बाद यह पहला मौका है जब राजधानी में गोलीबारी की खबरें मिल रही है. हालांकि त्रिपोली में गद्दाफी के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं.
उधर सरकार के प्रवक्ता मूसा इब्राहिम ने त्रिपोली में लड़ाई से इनकार किया है. उन्होंने कहा, "मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि त्रिपोली में कोई लड़ाई नहीं चल रही है. सब कुछ सुरक्षित है. त्रिपोली पूरी तरह नियंत्रण में है. आपने जो भी सुना वह पटाखों की आवाज थी. सड़कों पर खुशी में लोग नाच रहे थे. मैं आपको सलाह देता हूं अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उधर न जाएं."
त्रिपोली गद्दाफी का अहम ठिकाना है. लेकिन देश भर में दो हफ्तों से जारी विद्रोह ने उनकी नींद उड़ा दी है. बगावत को दबाने के लिए वह सरकारी बलों का प्रयोग कर रहे हैं जिसकी दुनिया भर में निंदा हो रही है. संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि लीबिया में विद्रोह शुरू होने के बाद से अब तक एक हजार लोग मारे गए हैं.
उधर लीबियाई सुरक्षा बलों ने शनिवार को जाविया शहर में अपने हमले तेज किए ताकि वहां से विद्रोहियों को हटाया जा सके. जाविया राजधानी त्रिपोली से सिर्फ 50 किलोमीटर दूर है. वहां मौजूद विद्रोहियों ने गद्दाफी समर्थक सैनिकों के दो हमलों को नाकाम बना दिया जबकि सरकारी सुरक्षा बल तोपों और गोलाबारूद से लैस थे. राइफल थामे विद्रोही भी बालू की बोरियों के पीछे छिपकर मोर्चा संभाल रहे हैं. विद्रोही गद्दाफी के गृह नगर सिर्ते की तरफ भी बढ़ रहे हैं.
लीबिया में 1969 में तख्तापलट के जरिए सत्ता हासिल करने वाले गद्दाफी के खिलाफ बगावत भड़क रही है. विद्रोहियों ने देश के पूर्वी हिस्से पर नियंत्रण कर लिया है. राजधानी त्रिपोली के नजदीक पश्चिमी इलाकों में भी गद्दाफी की पकड़ ढीली हो रही है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एन रंजन