थाइलैंड में गतिरोध जारी, 36 की मौत
१७ मई २०१०रेडशर्ट आंदोलनकारियों के नेता सरकार द्वारा तुरंत संघर्षविराम मानने और सेना को हटाने की स्थिति में संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में वार्ता चाहते थे. सरकार ने वार्ता की पेशकश को ठुकरा दिया है और कहा है कि थाइलैंड अपनी समस्या का समाधान स्वयं कर सकता है.
विपक्षी मोर्चे यूडीडी की मांग थी कि सरकार संघर्षविराम करे, सेना को हटाए और उग्र आंदोलनकारियों को आतंकी न कहे. लेकिन सरकार का कहना है कि सेना को हटाना ज़रूरी नहीं है क्योंकि सेना असैनिक नागरिकों के ख़िलाफ़ हथियार का इस्तेमाल नहीं कर रही है.
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने एक बार फिर दोनों पक्षों से और रक्तपात रोकने की अपील की. चिकित्सा सूत्रों के अनुसार सोमवार सुबह तक उपद्रवों में 36 लोग मारे गए हैं और 341 घायल हो गए हैं. डेढ़ करोड़ आबादी वाले शहर में कई सड़कें यु्द्ध क्षेत्र की तरह दिखने लगी हैं. मार्च में सरकार विरोधी आंदोलन के शुरू होने के बाद से 60 लोगों की जानें जा चुकी हैं.
राजधानी बैंकॉक के कारोबारी इलाके में अभी भी कम से कम 5000 सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के जमे होने की संभावना है. 2006 में सत्ता से हटने वाले प्रधानमंत्री थकसिन शिनावात्रा के समर्थक प्रधानमंत्री के इस्तीफ़े और तुरंत चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं. प्रधानमंत्री अभिसित वेजाजीवा ने नवम्बर में चुनाव कराने की पेशकश की थी लेकिन इस बीच समझौता वार्ता टूट जाने के बाद अपनी पेशकश वापस ले ली है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: एस गौड़