थाईलैंड की बाढ़ में डूबता दुनिया का कार उद्योग
१ नवम्बर २०११बैंक ऑफ थाईलैंड का कहना है कि 2011 में थाईलैंड का सकल घरेलू उत्पाद केवल 2.6 प्रतिशत ही होगा. एशियन डेवेलपमेंट बैंक के लक्स्मन आटपिच का कहना है, "इसका असर औद्योगिक और कृषि दोनों ही क्षेत्रों के निर्यात पर पड़ेगा. साल के आखिरी तीन महीनों में इसका असर सबसे ज्यादा देखा जाएगा." थाईलैंड के सकल घरेलू उत्पाद का करीब 70 प्रतिशत इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल उपकरणों और कारों के निर्यात से आता है.
सस्ती जमीन
थाईलैंड में जमीन के कम दाम और लोगों के कम वेतन के कारण पिछले दो दशकों में कई बड़ी कंपनियों ने यहां निवेश किया है. कारों की कई बड़ी कंपनियों के कारखाने यहां के आयुथया प्रांत में बनाए गए हैं. अब बाढ़ के कारण यहां काम ठप पड़ा है. यह प्रांत बैंकॉक से केवल 90 किलोमीटर दूर है और पिछले एक महीने से यहां एक मीटर तक पानी भरा हुआ है.
हालांकि जानकार लम्बे समय से कहते आए हैं कि इस इलाके में चाओ फ्राय नदी में बाढ़ आने का खतरा बना रहता है और इसीलिए इसे खेती के लिए ही इस्तेमाल करना चाहिए. लेकिन जमीन सस्ती होने के कारण यहां कई कारखाने खड़े कर दिए गए. आज यह इलाका उद्योग के लिहाज से थाईलैंड का सबसे महत्वपूर्ण इलाका है. कई विदेशी कंपनियां यहां हैं, खास तौर से कारों की.
होंडा को झटका
होंडा का कारखाना आठ अक्टूबर से बंद पड़ा है. यहां दोबारा काम कब शुरू होगा, इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है. इस हफ्ते होंडा ने कहा है कि उसे पुर्जों की कमी के कारण जापान, अमेरिका और कनाडा में भी निर्माण रोकना पड़ेगा. कारों के अधिकतर पुर्जे थाईलैंड में ही बनते हैं, जिन्हें बाद में इन देशों में भेजा जाता है. होंडा को यह कदम ऐसे समय में उठाना पड़ रहा है जब उसने जापान के भूकंप से उबरना शुरू ही किया था. मार्च में जापान में आए भूकंप और सूनामी के बाद वहां होंडा का कारखाना बंद करना पड़ा था.
थाई ऑटो इंडस्ट्री क्लब के प्रवक्ता सूरापौंग पेसिटपटानापोंग का कहना है, "बाढ़ का थाईलैंड के कार उद्योग पर उतना ही बुरा असर होगा जितना 1997 के आर्थिक संकट का हुआ था." होंडा के अलावा कई अन्य जापानी कार निर्माताओं को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इनमें टोयोटा, मित्सुबिशी, माजदा और निसान शामिल हैं.
तोशिबा की नाराजगी
कारों के अलावा कई बड़े कंप्यूटर निर्माता भी इसी इलाके में हैं. कंप्यूटर की हार्ड डिस्क बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी वेस्टर्न डिजिटल का कारखाना भी आयुथया में ही है. इस साल अक्टूबर तक कंपनी अपना कुल 60 प्रतिशत निर्माण यहीं कर रही थी. अब बाढ़ के चलते कारखाना बंद करना पड़ा है. इसी तरह कंप्यूटर बनाने वाली कंपनी तोशिबा के भी दस कारखाने यहां हैं, जो फिलहाल बंद पड़े हैं.
थाईलैंड में तोशिबा की अध्यक्ष कोबसाक वतनावरंगकुल ने बैंकॉक पोस्ट से बातचीत में सरकार को भविष्य के लिए तैयार रहने की सलाह दी, "सरकार को यह बात समझनी होगी कि जब बाढ़ का पानी कम होने लगेगा तो उन्हें फौरन ही बाढ़ से बचने के लिए कदम उठाने होंगे. यह करना बेहद जरूरी है, भले ही इसमें जितने भी पैसे लगें."
प्रतिष्ठा पर सवाल
प्रधानमंत्री यिंगलुक शिनावात्रा ने जल संसाधन प्रबंधन योजना के लिए तीस अरब डॉलर देने की बात कही है. लेकिन जानकार यह सवाल उठाते हैं कि क्या ऐसे इलाके में कारखाने बनाना सही है? थाईलैंड डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टिट्यूट के निपोन पोपोंगसाकोर्न का कहना है, "सबसे पहले तो इस बात की जांच होनी चाहिए कि क्या आयुथया में कारखाने बनाए भी जा सकते है." वे मानते हैं कि थाईलैंड की प्रतिष्ठा अब इस बात पर निर्भर करती है कि सरकार प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की अपनी तैयारी किस तरह से दिखाती है.
रिपोर्ट: डीपीए/ईशा भाटिया
संपादन: महेश झा