थिएरी ऑनरी का फुटबॉल से संन्यास
१६ जुलाई २०१०ऑनरी किस कदर कामयाब रहे, इसका अंदाजा इस बात से लग सकता है कि वह वर्ल्ड कप और यूरो कप जीतने वाली फ्रांसीसी टीमों में रहे. वह किस कदर नाकाम रहे, अंदाजा लगाएं कि उन्होंने आखिरी मैच एक सब्सटीट्यूट खिलाड़ी के तौर पर खेला. वैसा खिलाड़ी, जो नियमित खिलाड़ी के थक जाने पर उसकी जगह ग्राउंड पर भेजा जाता है.
पिछले 13 साल से ऑनरी की फ्रांसीसी टीम में जगह पक्की थी और उन्हें फ्रांस के महान खिलाड़ी जिनेदिन जिदान का सबसे बड़ा सहयोगी माना जाता था. ऑनरी ने न जाने कितने ही गोल जिदान के खूबसूरत पास पर किए होंगे. 32 साल के ऑनरी ने फ्रांस के लिए कुल 123 मैच खेले, जिसमें उन्होंने 51 गोल किए.
ऑनरी मिडफील्ड में चट्टान की तरह खड़े हो जाते, तो स्ट्राइकर की भूमिका में आंधी की तरह झपट पड़ते. लेकिन जिदान के रिटायर होने के बाद उनके खेल में वह खूबसूरती नहीं रह गई थी. सबसे वरिष्ठ सदस्य होने के नाते उन्हें राष्ट्रीय टीम का कप्तान बनाया गया. पर इस बार के वर्ल्ड कप क्वालीफाइंग मुकाबले में उन्होंने आयरलैंड के खिलाफ खेलते हुए बेईमानी की और बाहर जाती गेंद को हाथ से खींच कर ग्राउंड के अंदर लाए. इसके बाद उन्होंने इस गेंद को साथी खिलाड़ी को पास दिया और उस पर गोल हो गया. इस गोल की वजह से फ्रांस की टीम वर्ल्ड कप में पहुंच गई और आयरलैंड बाहर हो गया.
अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल जगत में ऑनरी की बहुत निंदा हुई और मैच दोबरा कराने की भी मांग उठी. लेकिन फीफा ने इस मांग को नहीं माना. पिछली बार वर्ल्ड कप फाइनल तक पहुंचने वाली फ्रांसीसी टीम 2010 में पहले दौर में ही हार कर बाहर हो गई. हालांकि इसके लिए ऑनरी के साथ साथ टीम का बुरा अनुशासन भी जिम्मेदार ठहराया गया.
इंग्लिश प्रीमियर लीग आर्सेनल और मशहूर स्पेनी लीग बार्सिलोना से खेलने वाले ऑनरी ने वर्ल्ड कप के बाद यूरोप छोड़ने का फैसला कर लिया. ढलती उम्र में यूरोप के ज्यादातर फुटबॉलर अमेरिका जाते हैं. ऑनरी भी न्यू यॉर्क रेड बुल्स में खेलने जा रहे हैं. संन्यास के बारे में ऑनरी का कहना है, "मैंने संन्यास का फैसला किया है. मैंने अपने मन में इस बात का फैसला वर्ल्ड कप से पहले ही कर लिया था. लेकिन मैं वर्ल्ड कप से पहले इसका एलान नहीं करना चाहता था."
ऑनरी का कहना है कि वह भले ही अटलांटिक पार अमेरिका जा रहे हों. लेकिन फ्रांस में अपनी सेवाओं के लिए हमेशा तैयार रहेंगे. उनका कहना है कि अगर ट्रेनिंग देने की बात होगी, तो वह हाजिर होंगे.
ऑनरी भले ही विवादों के बीच रुखसत हो रहे हों लेकिन उन्हें क्लब और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहद कामयाब फुटबॉलर के तौर पर याद किया जाएगा. फ्रांसीसी अंतरराष्ट्रीय टीम में शामिल होने के अगले साल ही 1998 में उन्हें वर्ल्ड कप खेलने का मौका मिला. शुरू के तीन मैचों में उन्होंने तीन गोल भी किए. लेकिन ब्राजील के खिलाफ 3-0 की जीत में उन्हें बेंच पर ही बैठना पड़ा. यह अफसोस की ही बात रही कि इस बार भी वर्ल्ड कप के मैचों में ज्यादातर वक्त बेंच पर ही बैठे दिखे.
1998 के वर्ल्ड कप के दो साल बाद ऑनरी की फ्रांसीसी टीम ने यूरो कप 2000 पर कब्जा किया और इस दौरान फ्रांसीसी स्ट्राइकर ने बेहतरीन खेल दिखाया. लेकिन इसके दो साल बाद फ्रांस के लिए बेहद खराब रहा. विश्व फुटबॉल विजेता होने के बावजूद 2002 के वर्ल्ड कप में फ्रांस एक गोल भी नहीं कर पाया और पहले दौर में ही बाहर हो गया. चार साल बाद 2006 वर्ल्ड कप में फ्रांस फाइनल हार गया, जिसमें कप्तान जिनेदिन जिदान ने इतालवी खिलाड़ी को सिर से टक्कर मारी थी.
ऑनरी को इसके बाद कप्तानी मिली, लेकिन जैसे जिदान के करियर का एक बुरा अंत उनके सिर की टक्कर रही, वैसे ही ऑनरी के करियर का दुखद अंत आयरलैंड के खिलाफ गेंद को हाथ से पकड़ना रहा. जबरदस्त निंदा और दबाव के बीच उन्होंने तभी अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल को अलविदा कहने का मन बना लिया था. लेकिन बाद में वर्ल्ड कप खेलने के लिए तैयार हो गए. इसका ज्यादा फायदा नहीं हुआ क्योंकि फ्रांस ने सिर्फ तीन मैच खेले और ऑनरी ज्यादातर वक्त दौरान ग्राउंड पर भेजे ही नहीं गए.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः महेश झा