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दंगों के बाद लंदन में 161 गिरफ्तार

८ अगस्त २०११

ब्रिटेन की पुलिस ने राजधानी लंदन के कई रिहायशी इलाकों में दो रातों के उपद्रवों के बाद 100 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. दंगाइयों ने आगजनी और लूटपाट की तथा पुलिस पर हमले किए.

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तस्वीर: picture alliance/dpa

मेट्रोपोलिटन पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा है कि एक रात की हिंसा और लूटपाट के बाद अपराधी गतिविधियों पर काबू पाने के लिए इमरजेंसी सेवा तैनाती की गई है. उत्तरी लंदन के टोटेनहैम में हुई हिंसा के बाद राजधानी के दूसरे हिस्सों में भी हिंसा भड़क गई थी. पुलिस ने दंगों को कॉपीकैट अपराध की संज्ञा दी है. 9 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. शनिवार रात 61 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

वर्तमान उपद्रव 1981 में दक्षिण लंदन के ब्रिक्सटन में हुए दंगों के बाद सबसे गंभीर हैं. दंगों की शुरुआत पुलिस कार्रवाई में मारे गए 29 वर्षीय एक युवक के लिए धरने के बाद हुई जिसे पिछले सप्ताह टोटोनहैम में पुलिस ने गिरफ्तारी के दौरान मार दिया था. सोमवार सुबह तक दंगे ब्रिक्सटन में भी फैल गए जहां दुकानों में आग लगा दी गई.

'हताश हैं लोग'

लंदन के उप मेयर ने हिंसा के लिए अपराधियों के छोटे गुट को जिम्मेदार ठहराया है जिनकी प्रेरणा पुलिस ज्यादती या सामाजिक समस्याओं से ज्यादा व्यक्तिगत लालसा रही है. राजनीतिज्ञों और पुलिस ने हिंसा का दोष अपराधियों पर मढ़ा है तो निवासियों ने स्थानीय तनावों और आर्थिक मुश्किलों के कारण गुस्से को इसका कारण बताया है.

Krawalle in Tottenham London Flash-Galerie
तस्वीर: dapd

दंगे ऐसे समय में हुए हैं जब ब्रिटिश अर्थव्यवस्था मंदी से बाहर नहीं निकल रही है जबकि बजट घाटे को कम करने के लिए सरकार ने खर्च में भारी कटौती की है. हाल में क्लीनर की नौकरी से निकाले गए 49 वर्षीय विग्वे कहते हैं, "टोटेनहैम गरीब इलाका है. बेरोजगारी दर बहुत ऊंची है, लोग हताश हैं."

'खुराफातियों' का काम

स्थानीय सांसद डेविड लैमी ने कहा कि अधिकतर गिरफ्तार लोग इलाकों के बाहर से आए और उन्होंने सोशन मैसेजिंग साइटों पर उपद्रव की योजना बनाई. सांसद ने कहा, "सप्ताहांत की हिंसा जातीय दंगे नहीं थे, यह टोटेनहैम समुदाय पर ट्विटर पर आयोजित हमला था."

2012 में लंदन में ओलंपिक खेल होंगे जो शहर की पुलिस के लिए शांतिकाल में अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन होगा. पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं कि उसने स्थिति को बिगड़ने कैसे दिया. पिछले समय में सरकार की बचत योजना के खिलाफ हुए प्रदर्शनों पर पुलिस कार्रवाई की भारी आलोचना हुई है जबकि न्यूजकॉर्प फोन हैकिंग कांड के कारण मेट्रोपोलिटन पुलिस प्रमुख और काउंटर टेररिज्म अधिकारी को इस्तीफा देना पड़ा है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: ए कुमार

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