दक्षिण अफ्रीका में इस साल अब तक 200 गैंडों की मौत
४ जुलाई २०११साल के पहले छह महीने में ही दक्षिण अफ्रीका अपने 196 गैंडों को खो चुका है. इनमें से सैलानियों की सबसे पसंदीदा जगह क्रुगर नेशनल पार्क से ही 126 गैंडे शिकार हुए हैं. पिछले साल दक्षिण अफ्रीका में कुल 333 गैंडे मारे गए थे.
दुनिया में गैंडों की कुल आबादी का 70 फीसदी हिस्सा दक्षिण अफ्रीका में रहता है. शिकारियों की इन पर नजर पड़ गई है और लगातार इनका शिकार हो रहा है. डबल्यू डब्ल्यू एफ के अफ्रीकन राइनो प्रोग्राम डायरेक्टर जोसेफ ओकरी के मुताबिक, "लगातार शिकार हो रहे हैं. शातिर अपराधी इन्हें अंजाम दे रहे हैं. कई बार तो हैलीकॉप्टर ऑर स्वचालित हथियारों का इस्तेमाल भी इन गैंडों के शिकार के लिए किया जाता है. दक्षिण अफ्रीका इस संगठित अपराध के खिलाफ एक जंग लड़ रहा है. इन अपराधियों के कारण पिछली सदी में संरक्षित किए गए जीवों के खोने का खतरा पैदा हो गया है."
वन्य संसाधनों के संरक्षण में सफलता ने देश को हथियारबंद गिरोहों के निशाने पर ला दिया है. इस साल से सेना ने शिकार रोकने के लिए क्रुगर में गश्त लगाना शुरू किया है. अधिकारियों ने इस साल अब तक 123 संदिग्ध शिकारियों को गिरफ्तार किया है इनमें से छह लोगों को दोषी ठहराया जा चुका है. हालांकि कानून का पालन कराने में लाई गई तेजी अभी भी जानवरों की हत्या रोकने में ज्यादा असरदार साबित नहीं हुई है.
2007 में शिकार के सिर्फ 13 मामले सामने आए थे लेकिन एशिया की पारंपरिक दवाओं में गैंडे के सींगों की मांग ने शिकारियों का ध्यान यहां केंद्रीत कर दिया है. यही वजह है कि शिकार के मामले इतनी तेजी से बढ़े हैं.
डब्ल्यू डब्ल्यू एफ दक्षिण अफ्रीका के प्रमुख मोर्ने दू प्लेसिस ने कहा, "शिकारियों को दोषी ठहराने में मिली सफलता देख कर हमें खुशी है. जंगल का कानून तोड़ने वाले लोगों, जैसे कि गैंडे के शिकारियों, पर कड़ा जुर्माना लगा कर दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने देश की विरासत को बचाए रखने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जता दी है.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः ईशा भाटिया