दमन पर उतरी मिस्र सरकार
२८ जनवरी २०११जुमे की नमाज के बाद पूरे काहिरा में सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए. शुक्रवार को प्रदर्शनों में एक व्यक्ति की मौत हो गई और दर्जनों घायल हुए हैं. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक काहिरा की कई सड़कों पर खून बिखरा है.
पुलिस पर बर्बरता के आरोप लगाए जा रहे हैं. एक घायल ने कहा, ''मैंने पुलिस को इतनी बेरहमी करते पहले कभी नहीं देखा. मैं विदेशी पत्रकारों के पास खड़ा था, शायद इसीलिए बच गए.'' वहां से आ रही तस्वीरों में पुलिस फायरिंग करते और प्रदर्शनकारी पिटते हुए दिख रहे हैं.
काहिरा के साथ देश के अन्य इलाकों में भी लगातार चौथे दिन प्रदर्शन जारी रहे. हजारों लोग सड़कों पर उतरे. कई शहरों में जहां जहां होस्नी मुबारक के पोस्टर लगे थे, उन्हें चीर दिया गया. प्रदर्शनकारी का नारा है, ''जनता सरकार में बदलाव चाहती है.'' सरकार अपने ढंग से इन प्रदर्शनों को काबू में करने की कोशिश कर रही है.
सरकार अन्य तरीकों से विरोध की लहर थामने की कोशिश कर रही है. गुरुवार रात से इंटरनेट और फोन सेवाओं को निलंबित किया जा रहा है. ट्विटर और फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट्स को बंद कर दिया गया है. इसकी वजह से 20 लाख इंटरनेट यूजर्स नाराज हैं. वोडाफोन के मुताबिक सरकार ने कई इलाकों सेवा निलंबित करने का आदेश दिया है.
ट्यूनीशिया के बाद अरब देशों में सरकार विरोधी प्रदर्शनों की बाढ़ सी आ गई. ट्यूनीशिया में एक छात्र की पुलिस फायरिंग में मौत के बाद सरकार के खिलाफ ऐसे प्रदर्शन हुए कि 24 साल से राष्ट्रपति पद से चिपके बेन अली को सऊदी अरब भागना पड़ा.
ट्यूनीशिया के आंदोलन का असर अन्य अरब देशों पर भी पड़ रहा है. जॉर्डन, अल्जीरिया और यमन में भी सरकार विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं. कई विश्लेषक इन प्रदर्शनों को लोकतंत्र के प्रति फैल रही जागरुकता बता रहे हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: ए जमाल