दलाई लामा ने औपचारिक तौर पर पद त्यागा
३० मई २०११भारत के धर्मशाला शहर में तीन दिनों तक निर्वासन में रह रहे तिब्बतियों के संसद की बैठक चली, जिसमें संविधान में बदलाव पर चर्चा हुई. 75 साल के दलाई लामा ने मार्च में ही एलान कर दिया था कि वह लोकतांत्रिक तंत्र को आगे बढ़ाना चाहते हैं और इस वजह से राजनीतिक और प्रशासनिक प्रमुख का पद छोड़ रहे हैं. हालांकि इस बैठक में दलाई लामा से औपचारिक प्रमुख बने रहने की अपील की गई, जिसे उन्होंने नामंजूर कर दिया.
तिब्बती संसद के प्रवक्ता तेनजिन नोर्बू ने बताया कि संविधान में बदलाव पर चर्चा के बाद इसे दलाई लामा को पेश किया गया, जिन्होंने इसे मंजूर कर लिया.
उन्होंने कहा, "सभी राजनीतिक शक्ति पहले दलाई लामा और केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) के पास था. लेकिन संविधान में बदलाव के बाद तिब्बतियों के प्रतिनिधित्व और उनकी सेवा की सारी शक्ति सीटीए के पास चली गई. दलाई लामा अब सिर्फ तिब्बतियों के धर्मगुरु हैं."
तिब्बतियों के अधिकारों के लिए लड़ रहे 75 साल के दलाई लामा करीब 50 साल पहले भारत आए. तब से वह भारत के धर्मशाला शहर में रह रहे हैं. इस मुद्दे पर भारत और चीन के बीच तनातनी भी चलती है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः आभा एम