दादा के बिना टीम नहीं बनती: शाहरुख
१० जनवरी २०११लगातार दो दिन तक बोली लगने के बाद भी आईपीएल की दस टीमों में से किसी ने भारत के सफलतम कप्तान रह चुके सौरव गांगुली पर पैसा नहीं लगाया और दादा बिना बिके ही बाजार से रुखसत हो गए. इस दौरान कोलकाता और बंगाल के लोगों में जबरदस्त नाराजगी रही और उन्होंने इसका सबसे बड़ा जिम्मेदार कोलकाता टीम के मालिक शाहरुख खान को ही बताया.
इसके बाद शाहरुख ने तनाव कम करने की पहल करते हुए कहा कि सौरव गांगुली के लिए कोलकाता टीम के दरवाजे अभी बंद नहीं हुए हैं. एक टीवी चैनल से बातचीत में जब पूछा गया कि क्या सौरव के लिए टीम में कोई जगह बनती है तो शाहरुख ने कहा, ''जी हां, बिल्कुल. मैं चाहूंगा कि सौरव हमारी टीम का अभिन्न हिस्सा रहें. कोलकाता की टीम तो सौरव गांगुली के बिना पूरी हो ही नहीं सकती. मैं इस मामले में दादा से बात करूंगा.''
हालांकि शाहरुख ने यह साफ नहीं किया कि क्या सौरव गांगुली को खिलाड़ी के तौर पर टीम में रखा जाएगा. दो दिन की नीलामी के बाद किसी भी टीम की अंटी में चार लाख डॉलर नहीं बचे हैं जिससे दादा को खरीदा जा सके. इसके अलावा नीलामी की मियाद भी पूरी हो चुकी है.
ऐसे में उनकी बिक्री लगभग असंभव है और हो सकता है कि शाहरुख खान उन्हें कोलकाता टीम के मैनेजमेंट या कोचिंग में अहम रोल देने की पेशकश करें. कुछ ही दिन पहले अनिल कुंबले ने बोली से पहले अपना नाम वापस ले लिया था जिसके बाद बैंगलोर टीम ने उन्हें अपना मुख्य मेंटर बना दिया है.
बैंगलोर में दो दिनों तक आईपीएल-4 सहित अगले तीन सालों के लिए क्रिकेटरों की बोली लगी. इसमें सौरव गांगुली और ब्रायन लारा सहित कुछ खिलाड़ी सबसे महंगी श्रेणी में मौजूद रहे लेकिन उन्हें कोई खरीदार ही नहीं मिला. इस साल से आईपीएल में दस टीमें हिस्सा ले रही हैं इसके बावजूद किसी ने दादा में दिलचस्पी नहीं दिखाई. यहां तक कि बहुत कम जाने जाने वाले खिलाड़ी भी अच्छी खासी रकम में खरीदे गए लेकिन सौरव गांगुली के नाम का जिक्र भी नहीं हुआ.
सौरव तीन साल पहले आईपीएल की कोलकाता की टीम से जुड़े और पिछले साल उन्होंने अपनी टीम के लिए सबसे ज्यादा रन जुटाए. फिर भी टीम प्रबंधन ने उन्हें अपने साथ न रखने का फैसला किया और बिक्री के लिए आईपीएल मंडी में छोड़ दिया. आयोजकों ने उनकी बेस प्राइस कई दिग्गज खिलाड़ियों से कम दो लाख डॉलर रखी, जिसे दादा ने खुद बढ़ाकर चार लाख वाली सबसे ऊंची कैटेगरी में कर दिया.
नीलामी के बारे में पूछे जाने पर शाहरुख खान ने गोल मोल जवाब दिया. उन्होंने कहा, ''मैं समझता हूं कि मुझे उस पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. वहां 350 से ज्यादा खिलाड़ी थे और टीमों के 100 से ज्यादा थिंक टैंक जमा थे. मुझे नहीं लगता कि हम में से कोई कमेंट कर सकता है कि किस खिलाड़ी को लिया जाना चाहिए और किसे नहीं.''
सौरव गांगुली की बोली न लगने से पहले दिन से ही बंगाल, खासतौर पर कोलकाता के लोगों में भारी नाराजगी दिखी. कई जगह प्रदर्शन भी हो गए और ज्यादातर लोग इसके लिए शाहरुख को जिम्मेदार मानने लगे. इंटरनेट पर शाहरुख के खिलाफ बंगाल के लोगों का गुस्सा साफ दिख रहा है. जानकारों की राय है कि अगर यही स्थिति रही तो सौरव के बगैर कोलकाता में मैच कराना मुश्किल हो जाएगा.
शुद्ध रूप से आर्थिक फायदे के लिए खेले जाने वाले आईपीएल में शाहरुख ने सबसे ज्यादा रकम देकर इस बार गौतम गंभीर और यूसुफ पठान जैसे दिग्गज नामों को अपने साथ किया है. ऐसे में वह सौरव के विवाद को लेकर कोई और जोखिम नहीं उठाना चाहेंगे. यही वजह है कि उन्होंने अपनी तरफ से मामले को सुलझाने की पहल की है.
लेकिन मजेदार बात यह है कि बोली लगने के बाद से सौरव गांगुली सामने नहीं आए हैं. और न ही उनकी तरफ से कोई बयान जारी किया गया है. क्रिकेट को जुनूनी हद तक प्यार करने वाले दादा इसके बाद क्या कदम उठाते हैं, क्रिकेट प्रेमियों की उस पर नजर रहेगी.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: ए जमाल