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दिन ब दिन मोटा होता अमेरिका

२१ मई २०१२

एक नई रिपोर्ट के अनुसार 2030 तक 42 फीसदी अमेरिकी मोटापे का शिकार होंगे. अभी यह संख्या 36 प्रतिशत है. यह रिपोर्ट वॉशिंगटन में मोटापे पर हो रहे राष्ट्रीय सम्मलेन में प्रस्तुत की गई.

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तस्वीर: Fotolia/Elenathewise

इस रिपोर्ट के अनुसार 2030 तक देश में बेहद मोटे लोगों की संख्या 4.9 फीसदी से बढ़ कर 11 फीसदी हो जाएगी. ये वे लोग हैं जिनका वजन सामान्य से सौ पाउंड यानी 45 किलो अधिक है.

अमेरिका में बढ़ता मोटापा चिंता का विषय है, लेकिन रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हाल के सालों में वह उतनी तेजी से नहीं बढ़ा जितने की आशंका थी. कई साल पहले वैज्ञानिकों ने दावा किया था कि 2030 तक अमेरिका की आधी से ज्यादा आबादी मोटापे का शिकार होगी. अब इस रिपोर्ट के अनुसार मोटापे का दर 51 फीसदी के बजाय 42 प्रतिशत ही होगा.

मामले पर शोध कर रहे एरिक फिंकलस्टाइन का कहना है कि इस गिरावट के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है. ड्यूक यूनिवर्सिटी के ग्लोबल हेल्थ इंस्टीट्यूट के फिंकलस्टाइन मानते हैं कि इसके पीछे दो कारण हो सकते हैं-या तो मोटापे के बारे में जागरूक करने के लिए चलाए गए सरकारी अभियान सफल हो रहे हैं या फिर लोगों का फास्ट फूड से मन भर गया है और इस तरह के रेस्त्रां का बुरा दौर शुरू हो गया है.

Dänen führen Fettsteuer für Lebensmittel ein
तस्वीर: picture-alliance/dpa

एक्स्ट्रा लार्ज कॉफिन

रिपोर्ट में अर्थव्यवस्था पर इसके असर के बारे में भी बात की गई है. 2030 तक मोटापे से जुडी बीमारियों के इलाज पर 55 करोड़ डॉलर का खर्चा आएगा. इसमें सबसे अधिक खर्चा हृदय रोग और मधुमेह के कारण होगा. इसके अलावा मोटापे से हड्डियों की बीमारियां भी होती हैं और ब्रेस्ट कैंसर समेत कई तरह के कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है.

मोटापा दुनिया भर के लिए अभिशाप बन गया है और खास तौर से अमेरिका के लिए इससे जूझना काफी मुश्किल भरा काम हो गया है. बाजार खुद को इसके साथ ढ़ाल भी रहा है और अमेरिका में ऐसी भी कम्पनियां हैं जो मोटे लोगों के लिए एक्स्ट्रा लार्ज कॉफिन बनाती हैं. ये ताबूत दो सौ किलो से अधिक का वजन उठा सकते हैं. डब्ल्यूएचओ के अनुसार 1980 से अब तक दुनिया भर में मोटे लोगों की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है.

अमेरिका की आबादी का बहुत बड़ा हिस्सा मोटापे का शिकार हो रहा है और भारत की इससे तुलना की जाए तो भारत में मोटे लोगों की संख्या बहुत कम लगेगी. लेकिन अगर कुल संख्या की बात की जाए तो भारत और चीन में दुनिया के सबसे अधिक मोटे लोग रहते हैं. ये आबादी का केवल पांच प्रतिशत हैं, लेकिन भारत में 15 करोड़ से अधिक और चीन में करीब 20 करोड़ लोग मोटापे का शिकार हैं. कुछ रिपोर्टों के अनुसार अगर यह संख्या इसी तरह बढ़ती रही तो 2020 तक भारत चीन को पीछे छोड़ चुका होगा.

आईबी/एमजी (डीपीए)

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