दिमागी खलल के कारण क्नूट की हुई मौत
२३ मार्च २०११उसके फैन्स ने चिड़ियाघर से अपील की कि क्नूट के मौत के कारणों का पता चलना चाहिए. इसलिए चिड़ियाघर और जंगली जानवरों के शोध संस्थान लाइबनित्स इंस्टिट्यूट को क्नूट के शव का परीक्षण करने के आदेश दिए गए.
बर्लिन के चिड़ियाघर ने बताया, "शुरुआती नतीजों से पता चलता है कि क्नूट के दिमाग में असामान्यता पाई गई हैं और यह क्नूट की अचानक मौत का कारण हो सकती हैं."
जैसे जैसे क्नूट की उम्र बढ़ी पशुओं का ध्यान रखने वाले ग्रुप्स ने चेतावनी दी कि क्नूट का व्यव्हार धीरे धीरे असामान्य होता जा रहा है क्योंकि वह आकर्षण का केंद्र है. उसे लोगों और दर्शकों की इतनी आदत हो गई थी कि वह इंसानी व्यव्हार की नकल करने लगा और फोटो खिंचते वक्त अपने पंजे मुंह पर ले आता.
क्नूट की मौत से प्रेमियों में दुख की लहर फैल गई. लोगों ने उसके लिए संदेश, फोटो भेजे. वहीं ऑनलाइन शोक संदेश में चार हजार लोगों ने अपना दुख जाहिर किया.
पैदा होने के बाद क्नूट को उसकी मां ने त्याग दिया था. इसके बाद थोमास डोइर्फलाइन ने उसको पाल पोस कर बड़ा किया. देखते ही देखते क्नूट जर्मनी की आंखों का तारा बन गया. इतना ही नहीं हॉलीवुड के अदाकारों के दिल में भी क्नूट ने जगह बना ली थी. कई सौ लोग सिर्फ क्नूट को देखने बर्लिन के चिड़ियाघर में जाते. क्नूट की देखभाल करने वाले डोइर्फलाइन की भी 2008 में कम उम्र में ही मौत हो गई.
क्नूट के शव परीक्षण के पूरे नतीजे आने में अभी वक्त लगेगा लेकिन चिड़ियाघर के अधिकारियों ने वादा किया है कि शव परीक्षण का अंतिम नतीजा आते ही वह इसे रिलीज कर देंगे.
झक सफेद इस प्यारे से भालू का डाक टिकट भी जारी किया गया. क्नूट के टीशर्ट, कप, सॉफ्ट टॉयज बड़ा बिजनेस बन गया. चार साल के होते होते क्नूट ने बर्लिन चिड़ियाघर के लिए 50 लाख यूरो कमा लिए.
क्नूट और उससे जुड़े धन के लिए नॉयम्युन्सटर जू और बर्लिन जू के बीच लड़ाई भी हुई. क्योंकि क्नूट के पिता नॉयम्युन्सटर के चिड़ियाघर से है.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः ओ सिंह