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दिल्ली पुस्तक मेले में धूम फ्रैंकफर्ट की

३ फ़रवरी २०१०

दिल्ली के विश्व पुस्तक मेले में दुनिया के सबसे बड़े किताब मेले की धूम है. जर्मनी के मशहूर फ्रैंकफ़र्ट मेले ने दिल्ली के 19वें पुस्तक मेले में टेक्स्ट बॉक्स से ख़ास पहचान बनाई है. संगीत हो या कोई और सब पसंद की जा रहीं है

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तस्वीर: DW

यहां सामान्य किताबों से लेकर संगीत तक लोगों की भीड़ खींच रही है. किताबों को संगीत से जोड़ कर फ्रैंकफ़र्ट पुस्तक मेले ने ख़ास टेक्स्ट बॉक्स तैयार किया है, जिसमें कविता और संगीत साथ चलता है. लकड़ी के चौकोर डिब्बे में खड़ा एक कवि संगीत के साथ जब अपनी कविता पढ़ रहा होता है, तो हेडफ़ोन से इसे सुन रहे दर्जनों श्रोता हैरानी से दातों तले अंगुली दबा लेते हैं.

पुस्तक मेले में कविताओं की भी जगह होती है लेकिन भीड़ भाड़ और शोर शराबे में यह अपना असर खो बैठती है. टेक्स्ट बॉक्स के आविष्कारक जर्मनी के बास बताते हैं कि इसी बात को ध्यान में रख कर तीन साल पहले उन्होंने टेक्स्ट बॉक्स तैयार किया. इस अभियान से जुड़ीं नोरा गोमरिनजर बताती हैं कि पिछले साल दो साल में दुनिया के हर बड़े पुस्तक मेले में टेक्स्ट बॉक्स पहुंचा है और हर जगह ज़बरदस्त हिट रहा है. पेशेवर गायिका और कवियित्रि नोरा ने जब जब टेक्स्ट बॉक्स में क़दम रखा, तो बाहर श्रोताओं का तांता लग गया.

Stand der Frankfurter Buchmesse auf der Buchmesse in Neu Delhi 2010
तस्वीर: DW

दिल्ली का पुस्तक मेला फ़्रैंकफ़र्ट के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा किताब मेला है. दिल्ली में फ्रैंकफ़र्ट की मौजूदगी इसे और भव्य बना रही है. टेक्स्ट बॉक्स के अलावा जर्मनी से ख़ास तौर पर लाई गई पुस्तकें भी लोगों को पसंद आ रही हैं.

यहां जर्मन रेडियो डॉयचे वेले की भी हिस्सेदारी है. रेडियो के बाद ऑनलाइन की दुनिया में पहचान बना रहा डॉयचे वेले हिन्दी सहित दुनिया भर के 30 से ज़्यादा भाषाओं में रेडियो और ऑनलाइन कार्यक्रम प्रसारित करता है.

मेले में चारों तरफ़ किताबों से घिरे लोगों के लिए जर्मनी के स्टॉल कुछ ऐसे कोने हैं, जहां किताबों से जुड़ाव होने के बाद भी उनसे घिरे होने का अहसास नहीं होता है. इस वजह से लीक से हट कर लगाए गए इन स्टॉलों में अच्छी ख़ासी भीड़ जुट रही है.

जर्मनी के स्टॉलों में लोगों की सबसे ज़्यादा दिलचस्पी भाषा सीखने और जर्मनी में करियर के मौक़े तलाशने की होती है. फ़ैंकफ़र्ट और डॉयचे वेले के स्टॉलों में उन्हें इस बारे में पूरी जानकारी भी मिल रही है.

रिपोर्टः अनवर जे अशरफ़, नई दिल्ली