देश नहीं दर्शकों के लिए खेलने पर बिफरे धोनी
१३ मार्च २०११शनिवार को मिली हार से तिलमिलाए टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने खिलाड़ियों को जम कर खरी खोटी सुनाई है. खास तौर से तेंदुलकर के साथ 29 रनों के फासले पर 9 विकेटों का गिरना उन्हें खासा नाराज कर गया है. धोनी ने कहा है कि खिलाड़ी देश के लिए नहीं गैलरी में मौजूद दर्शकों के लिए खेल रहे थे. धोनी ने कहा, "बल्लेबाजी के पावरप्ले में ये जरूरी है कि खिलाड़ी भीड़ के लिए नहीं बल्कि देश के लिए खेलें." कप्तान धोनी पावरप्ले का इस्तेमाल ठीक से ना कर पाने की वजह से काफी निराश हुए हैं. धोनी ने अपनी टीम से जोर देकर कहा है कि अगर वर्ल्ड कप जीतने का सपना पूरा करना है तो फिल्डिंग की बाधाओं का पार पाना सीखना होगा.
जिम्मेदारी निभाना सीखो
शनिवार को दक्षिण अफ्रीका से मिली तीन विकेटों की हार के बावजूद भारत ग्रुप बी में शीर्ष पर बना हुआ है लेकिन धोनी को चिंता सता रही है. कप्तान ने कहा, "बल्लेबाजी का पावरप्ले मैच के लिए निर्णायक साबित हुआ क्योंकि हमने ज्यादातर विकेट इसी दौरान गंवाए. इसके बाद हमें 50 ओवर तक खेलने के बारे में सोचना चाहिए था." इस दौरान भारत के तेंदुलकर और गौतम गंभीर समेत कुल चार खिलाड़ी आउट हो गए. नतीजा ये हुआ कि एक समय साढ़े तीन सौ तक रन बनाने की ओर बढ़ती दिख रही टीम 48.4 ओवरों में महज 296 रनों पर ही आउट हो गई. धोनी ने कहा कि दर्शकों को चौके छक्के लगाते देखना अच्छा लगता है लेकिन अगर दो तीन विकेट जल्दी गिर जाएं तो खिलाड़ियों को संभल जाना चाहिए. धोनी के मुताबिक, "जब 270 और 280 का स्कोर बन जाए तो खिलाड़ी बड़े शॉट खेलना चाहते हैं. ऐसे समय में अपनी सोच को थोड़ा आराम दे कर जिम्मेदारी निभानी चाहिए क्योंकि हर खिलाड़ी की अलग जिम्मेदारी होती है."
तेंदुलकर के शतक के बाद उनके साथ ही पूरी टीम नाटकीय अंदाज में भरभरा कर गिर पड़ी और नतीजा ये हुआ कि आखिरकार भारत ये मैच हार गया. हालांकि इसमें गेंदबाजों ने भी अच्छा योगदान दिया. आशीष नेहरा ने तो खासतौर से इस जीत में बड़ी भूमिका निभाई. कप्तान धोनी ने ये भी माना है कि नेहरा को आखिरी ओवर में गेंदबाजी करने के लिए भेज कर उन्होंने गलती की. दक्षिण अफ्रीका ने दो गेंद बाकी रहते ही 297 रनों का लक्ष्य हासिल कर लिया.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः ईशा भाटिया