धरती जैसा पहला ग्रह पाया गया
३० सितम्बर २०१०अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का दावा है कि इस ग्रह को सौर मंडल से बाहर ऐसे इलाके में देखा गया है जिसमें जीवन की संभावनाएं पहले से ही जताई जा रही हैं. इसे "गोल्डीलॉक्स जोन" कहा जाता है. अमेरिकी संस्था नेशनल सांइस फांउडेशन की ताजा रिपोर्ट के अनुसार इस ग्रह की हमारे सौर मंडल से दूरी अन्य ग्रहों की अपेक्षा कम है. इसके अलावा इसकी अपने उपग्रहों से दूरी भी न बहुत ज्यादा और न बहुत कम है. साथ ही इसका तापमान भी संतुलित कहा जा सकता है और इसी आधार पर इसे पृथ्वी के समान होने का दावा किया गया है.
इससे जीवन वाले एकमात्र ग्रह पृथ्वी को साथी ग्रह मिलने की संभावना बलवती हुई है. इसकी तारों से दूरी 120 खरब मील आंकी गई है. यह दूरी तारों से अन्य ग्रहों की दूरी की तुलना में कम है. इस ग्रह की खोज का दावा करने वाले कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का कहना है कि सौर मंडल से बाहर का यह पहला ग्रह होगा जिस पर जीवन की संभावनाएं तलाशी जा सकती हैं.
इस ग्रह का आकार पृथ्वी के समान ही है जबकि इसका वजन धरती से तीन गुना ज्यादा है. साथ ही वैज्ञानिकों ने इसकी सतह पर पानी मौजूद होने से भी इंकार नहीं किया है. शोध दल के प्रमुख प्रो. स्टीफन वोट ने कहा है कि इस ग्रह के बारे में जो जानकारियां मिली हैं उससे इस पर जीवन की संभावनाएं तलाशने का दावा भी पुख्ता होता है.
उनका कहना है कि इतने कम समय में और कम दूरी पर पृथ्वी जैसा ग्रह मिलना इस बात का संकेत है कि इस तरह के और भी ग्रह आकाशगंगा में हो सकते हैं. अगर दुनिया भर के अन्य अंतरिक्ष विज्ञानी इस खोज को अपनी मान्यता दे देते हैं तो फिर इसे पृथ्वी जैसे खोजे गए अन्य ग्रहों में सर्वाधिक समरूप कहा जा सकता है.
रिपोर्टः एजेंसियां/निर्मल
संपादनः उज्ज्वल भट्टाचार्य