धीमे होते जर्मन विकास से यूरोप हड़का
१२ जनवरी २०१२इस महीने होने वाली शिखर वार्ता के पहले जारी राजनयिक गतिविधियों के बीच मैर्केल ने इटली के प्रधानमंत्री मारियो मोंटी के सुधार प्रयासों की सराहना की. बर्लिन में मोंटी से मुलाकात के बाद मैर्केल ने कहा कि रोम के कष्टकारी बचत कदम इटली को मजबूत करेंगे, उसकी आर्थिक संभावनाएं बढ़ाएंगे. तीन साल से चल रही यूरो जोन की समस्याओं को सुलझाने की पहल कर रही चांसलर मैर्केल ने कहा, "हम बड़े सम्मान के साथ देख रहे थे कि कितनी जल्दी उसे लागू किया गया है."
इटली के प्रधानमंत्री मोंटी ने उम्मीद जताई कि बाजार उनके बचत कार्यक्रम के हुए बलिदान को समझेगा और इससे समझदारी भरा दर पैदा होगा. इटली के कर्ज का ब्याज दर लगातार 7 प्रतिशत से ऊपर रहा है, जिसे टिकाऊ नहीं माना जा रहा है, क्योंकि इस दर पर लंबे समय तक कर्ज नहीं लिया जा सकता. रोम में घाटे की आशंका से बेहतर आकंड़े आने के बाद यह दर घटकर 6.94 प्रतिशत हो गया है.
साल की तीसरी तिमाही में इटली के सार्वजनिक बजट घाटे की दर घट कर 2.7 प्रतिशत हो गई जो एक साल पहले 3.5 प्रतिशत थी. मोंटी ने जोर दिया कि यूरो जोन की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में कर्ज के बोझ के बावजूद इटली की समस्याएं यूरो जोन के लिए संक्रामक नहीं हैं.
जहां इटली की हालत सुधर रही है, जर्मन अर्थव्यवस्था में संकट के लक्षण दिख रहे हैं. जर्मन सांख्यिकी विभाग ने खबर दी है कि अब तक संकट से बची रही यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था संभव है कि पिछले साल की चौथी तिमाही में रिवर्स गीयर में चली गई है. 2011 में तीन प्रतिशत की ठोस वृद्धि के बावजूद जर्मनी का सकल घरेलू उत्पादन चौथी तिमाही में चौथाई प्रतिशत कम हो गया है.
इन आंकड़ों के जारी होने के बाद विश्लेषकों ने आशंका जताई है कि जर्मनी इस साल के शुरू में मंदी के दौर में चला जाएगा. लगातार दो तिमाहियों में नकारात्मक विकास दर को मंदी कहते हैं. हालांकि ज्यादातरअर्थशास्त्रियों का कहना है कि बाद में इसमें फिर से सुधार आएगा. बारेनबर्ग बैंक के सिनीयर अर्थशास्त्री क्रिस्टियान शुल्त्स का कहना है कि पहली तिमाही में जर्मन अर्थव्यवस्थी में कमी आ सकती है. "यदि यूरो संकट और नहीं बिगड़ता है या काबू में आ जाता है तो जर्मन अर्थव्यवस्था में गर्मियों के बाद से उछाल आ सकता है."
लेकिन वे चेतावनी देते हैं कि एक चौथाई संभावना इस बात की है कि संकट का समाधान नहीं होगा, या वह पूरी तरह से काबू से बाहर हो जाएगा, तो ऐसी स्थिति में जर्मनी की अर्थव्यवस्था मंदी का शिकार हो सकती है.
यूरोपीय केंद्रीय बैंक के आंकड़े दिखाते हैं कि संकट समाप्त नहीं हो रहा है. यूरोपीय बैंक एक दूसरे के साथ लेन देने के बदले अपना पैसा बेहद सुरक्षित केंद्रीय बैंक में जमा करा रहे हैं. विश्लेषकों का कहना है कि यह इस बात का सबूत है कि बैंकों के बीच का आपसी बाजार तनाव में है, हालांकि पिछले साल केंद्रीय बैंक ने पंडिंग की बाधाओं को दूर करने के लिए व्यावसायिक बैंकों को रिकॉर्ड मात्रा में धन देने की पेशकश की थी.
जर्मनी की साख इस समय बहुत अच्छी है. बांड बाजार में जर्मनी ने पांच साल के बांड पर 0.9 प्रतिशत का रिकॉर्ड कम ब्याज दर दिया है लेकिन इसके बावजूद उसकी बड़ी मांग रही है. जर्मनी ने इस दर पर 4 अरब यूरो बटोरा है जबकि नर्वस निवेशक इसके लिए 9 अरब यूरो लगाना चाह रहे थे. यह यूरोपीय की मजबूत अर्थव्यवस्था में लोगों के भरोसे को दिखा रहा है.
रिपोर्ट: एएफपी/महेश झा
संपादन: ए जमाल