धोनी ने किया गौतम गंभीर का बचाव
११ नवम्बर २०१०पिछले महीने आस्ट्रेलिया के खिलाफ बेंगलोर टेस्ट में गंभीर घुटने की चोट की वजह से नहीं खेल पाए. टीम में गंभीर की जगह लिए गए मुरली विजय ने 139 रन बना कर इस अनुभवी बल्लेबाज पर बढ़िया खेल के लिए दबाव बना दिया. गुरुवार को मैच से पहले प्रेस कांफ्रेंस में धोनी ने कहा, "खिलाड़ी फॉर्म से बाहर हो जाते हैं. क्रिकेट में ये सबके साथ होता है. गंभीर ने इतना अच्छा खेला है कि लोगों की उम्मीदें बढ़ गई हैं. गंभीर पर अब नाकाम होने से ज्यादा अच्छा खेल दिखाने का दबाव है. पिछली पारियों में अपने खेल से गंभीर ने साबित किया है कि वो अच्छे क्रिकेटर हैं. वो फिटनेस की परेशानी से बाहर आए हैं और अब कड़ी मेहनत कर रहे हैं. मुझे पूरा यकीन है कि बहुत जल्दी वो अपने खेल में वापस लौटेंगे."
34 टेस्ट में करीब 50 के औसत से 2846 रन बनाने वाले गंभीर पिछले महीनों में भारत के टेस्ट रैंकिंग का सिरमौर बनने में मजबूत स्तंभ रहे हैं. 2009 में सहवाग के साथ पारियों की अच्छी शुरूआत के दम पर वो इंटरनेशनल टेस्ट क्रिकेटर ऑफ ईयर की दौड़ में भी थे. पिछले साल न्यूजीलैंड के खिलाफ नेपियर टेस्ट में गंभीर के बनाए 137 रनों की मदद से भारत मैच ड्रॉ कराने में कामयाब रहा.
धोनी मानते हैं कि गंभीर एक मंजे हुए खिलाड़ी हैं और मुरली विजय को अभी अपनी बारी आने का इंतजार करना होगा. उन्होंने कहा," गंभीर हमारे बेहतरीन सलामी बल्लेबाज हैं. विजय को जब भी मौका मिला उन्होंने अच्छा खेल दिखाया लेकिन मुझे लगता है कि उन्हें अपनी बारी का इंतजार करना होगा." मुरली विजय ने अब तक खेले आठ टेस्ट में 42.41 के औसत से 509 रन बनाए हैं.
इस मौके पर धोनी ने अहमदाबाद टेस्ट में नाकाम रहे सुरेश रैना का भी बचाव किया. धोनी का कहना है कि किसी खिलाड़ी के बारे में केवल एक मैच के आधार पर ही राय नहीं बनाई जा सकती. धोनी ने कहा,"हमें खिलाड़ियों को जरूर मौका देना चाहिए." धोनी मानते हैं कि मैदान से बाहर बैठ कर किसी खिलाड़ी के बारे में कुछ भी कहना बहुत आसान है लेकिन एक बार ये जरूर सोचना चाहिए कि हर बार अच्छा खेल दिखाना कितना मुश्किल काम होता है.
धोनी ने उम्मीद जताई है कि हैदराबाद में नया स्टेडियम गेंदबाजों के लिए मददगार साबित होगा. इससे पहले हैदराबाद में तीन टेस्ट मैच हुए हैं लेकिन सभी पुराने स्टेडियम में खेले गए हैं. न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरा टेस्ट नागपुर में 20 नवंबर से खेला जाएगा.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एन रंजन
संपादन: महेश झा