धोनी ने माना, गलती हो गई
३१ मार्च २०११धोनी ने माना कि उनसे पिच को समझने में गलती हुई. धोनी ने स्पिनर आर अश्विन की जगह आशीष नेहरा को टीम में रखा. उनका यह फैसला हैरतअंगेज था क्योंकि अश्विन बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे. हालांकि धोनी की चाल कामयाब रही. नेहरा ने बढ़िया गेंदबाजी की और 10 ओवर में 33 रन देकर दो विकेट लिए. लेकिन धोनी मानते हैं कि यह फैसला बहुत अच्छा नहीं था.
भारतीय कप्तान ने कहा कि मोहाली की पिच का व्यवहार सामान्य नहीं था. आमतौर पर यह पिच तेज गेंदबाजों की मदद करती है इसलिए धोनी ने नेहरा को आखिरी 11 में रखा. लेकिन मैच के बाद धोनी ने कहा, "हमने विकेट को गलत समझा. यह मोहाली की सामान्य पिच नहीं थी. आमतौर पर यहां स्पिनरों को मदद नहीं मिलती लेकिन इस बार मिली. हमारे स्पिनरों ने बढ़िया गेंदबाजी की."
धोनी मानते हैं कि पाकिस्तानी खिलाड़ी स्पिनरों को अच्छा खेलते हैं इसलिए उन्होंने तेज गेंदबाजी में ज्यादा विकल्प रखे. उन्होंने कहा, "वे लोग स्पिन गेंदबाजी के अच्छे खिलाड़ी हैं इसलिए हमने 3-2 के कॉम्बिनेशन में उतरना ठीक समझा. हमें लगा कि यह एक सुरक्षित विकल्प है क्योंकि हमारे पास सचिन, विराट और रैना के रूप में ऐसे खिलाड़ी हैं जो जरूरत पड़ने पर स्पिन गेंदबाजी कर सकते हैं."
अब धोनी श्रीलंका के खिलाफ होने वाले फाइनल मुकाबले के बारे में सोच रहे हैं. उनके मुताबिक श्रीलंका एक अच्छी और संतुलित टीम है. उन्होंने कहा, "श्रीलंका की टीम अच्छी है. उन्होंने टूर्नामेंट में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है. उन्हें हराने के लिए हमें अच्छा क्रिकेट खेलना होगा. हमें अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन करना होगा."
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः आभा एम