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धोनी बेहतरीन कप्तान हैः सचिन

४ अप्रैल २०११

मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर अपने 21 साल लंबे करियर में छह कप्तानों के नेतृत्व में खेले हैं लेकिन इनमें वह मौजूदा क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को सबसे अच्छा कप्तान मानते हैं. वह धोनी तेज और कूल दिमाग के कायल हैं.

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तस्वीर: AP

सचिन अब तक छह बार वर्ल्ड कप में खेल चुके हैं, लेकिन धोनी के नेतृत्व में ही वह वर्ल्ड कप जीतने का सपना पूरा कर पाए. शनिवार को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में श्रीलंका को छह विकेट से हरा कर भारत ने 28 साल बाद क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता. सचिन कहते हैं, "मैं जितने भी कप्तानों के नेतृत्व में खेला, धोनी उनमें सबसे अच्छे हैं. वह बहुत तेज हैं और हरदम चौकन्ने रहते हैं. वह स्थिति को अच्छी तरह भांप लेते हैं और दूसरों की राय लेने में कभी नहीं हिचकते. वह हमेशा गेंदबाजों, बल्लेबाजों और वरिष्ठ खिलाड़ियों से अलग अलग बात करते हैं. एक और बात, वह हमेशा शांत रहते हैं और कभी हताशा को जाहिर नहीं होने देते. यही वे बातें हैं जो उन्हें एक अच्छा कप्तान बनाती हैं. वह जबरदस्त कप्तान हैं."

जब सचिन ने अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो रहे टीम इंडिया के कोच गैरी कर्स्टन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह तो चाहते हैं कि कर्स्टन न जाएं. मास्टर ब्लास्टर कहते हैं, "निजी तौर मैं चाहता हूं कि गैरी कोच बने रहें लेकिन मैं समझता हूं कि उनकी अपनी वचनबद्धताएं हैं जिनका वादा वह इस टूर्नामेंट से पहले ही कर चुके हैं. मैं उनके फैसलों का सम्मान करता हूं. उनके साथ काम करके अच्छा लगा. उन्होंने भी खिलाड़ियों जितनी मेहनत की. वह तो बॉलिंग मशीन की तरह हैं. वह बल्लेबाजों को 200 से 300 गेंद फेंकते हैं. उनका साथ बहुत अच्छा रहा. हमें उनकी बहुत याद आएगी."
सचिन का कहना है कि वर्ल्ड कप जीतना उनके जीवन का सबसे बड़ा दिन रहा. वह कहते हैं, "2 अप्रैल 2011 मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा दिन है. हम एक दूसरे को चुटकी काट रहे थे कि हमारी जिंदगी में यह पल असल में आ ही गया. मैं भगवान को इस दिन के लिए शक्रिया अदा करता हूं. उनकी कृपा से ही यह हो पाया."

Flash-Galerie Cricket WM 2011 Mahender Singh Dhoni
तस्वीर: AP

जब सचिन से पूछा गया कि टीम दबाव से कैसे निपटी तो उन्होंने कहा कि हर किसी ने अपना बेहतरीन देने की कोशिश की. वह कहते हैं, "दबाब और उम्मीदें तो हमेशा रहती हैं. हम सोच रहे थे कि हर किसी खिलाड़ी को अपना बेहतरीन देना चाहिए."

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः आभा एम