नक्सलियों से निपटेंगे बेल्जियम के कुत्ते
२५ जुलाई २०१०ये कुत्ते मेलिनॉइस नस्ल के हैं और नक्सलवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में तैनात किए जाएंगे. पिछले चार महीनों में इस दोनों राज्यों में हुई नक्सली हिंसा में 120 सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं. इससे पहले बेल्जियम के मेलिनॉइस शेफर्ड कुत्ते अफगानिस्तान में नैटो और गाजा पट्टी में इस्राएली सैनिकों के साथ तैनात रहे हैं और उन्हें खासी कामयाबी भी मिली है. नक्सली विरोधी अभियान में इस्तेमाल करने के लिए आठ मेलिनॉइस कुत्तों को बंगलौर के पास ट्रेनिंग दी जा रही है.
ये कुत्ते उन नक्सल प्रभावित इलाकों में सीआरपीएफ के जवानों के साथ गश्त पर जाएंगे, जहां पहले सुरक्षा बलों पर कई घातक हमले हुए हैं. इन कुत्तों को विस्फोटक सामग्री का पता लगाने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है, जो अक्सर जमीन के नीचे दबे होते हैं.
चार महीने के इन मेलिनॉइस कुत्तों को अभी 22 हफ्तों की ट्रेनिंग दी जा रही है. उन्हें बाद में एडवांस ट्रेनिंग के लिए चंडीगढ़ के पास बने भारत तिब्बत सीमा पुलिस के राष्ट्रीय कुत्ता प्रशिक्षण केंद्र में भेजा जाएगा.
बेल्जियम के शेफर्ड कुत्ते जर्मन शेफर्ड के मुकाबले देखने में उतने सुंदर नहीं होते. उनका सिर बड़ा होता है. साथ ही नाक वाला हिस्सा भी भारी होता है. इसलिए कम लोग ही उन्हें पालतू कुत्ते के तौर पर अपने घर में रखते हैं. लेकिन झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के नक्सल प्रभावित इलाकों जैसे हालात में ये कुत्ते बहुत ही कारगर साबित हुए हैं. इसलिए सुरक्षा बल उनसे बड़ी उम्मीद कर रहे हैं.
रिपोर्टः एजेंसिंया/ए कुमार
संपादनः एस गौड़