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नाटो रिपोर्ट: तालिबान को पाक सेना की मदद

१ फ़रवरी २०१२

नाटो की एक खुफिया रिपोर्ट में पाकिस्तानी सेना पर अफगानिस्तान में तालिबान को चोरी छिपे मदद देने का आरोप लगाया गया है. पाकिस्तान ने इस रिपोर्ट को निराधार बताया है. वार्ता के लिए पाक विदेश मंत्री खर अफगानिस्तान में हैं.

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अफगानिस्तान में नाटोतस्वीर: picture-alliance/dpa

अमेरिकी सेना के तैयार किए इस दस्तावेज में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय टुकड़ियों के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद तालिबान देश पर नियंत्रण करने को तैयार है. बीबीसी ने इस दस्तावेज के हवाले से कहा है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को तालिबान के वरिष्ठ नेताओं के ठिकानों और उनकी गतिविधियों के बारे में पता है.

नाटो का गोपनीय दस्तावेज 4000 से अधिक पकड़े गए तालिबान बंदियों, अल कायदा और दूसरे विदेशी लड़ाकों के साथ 27,000 पूछताछों पर आधारित है. रिपोर्ट में कहा गया है, "वरिष्ठ तालिबान नेता नियमित रूप से आईएसआई एजेंटों से मिलते हैं जो उन्हें रणनीति पर सलाह देते हैं और पाकिस्तान सरकार की चिंताओं की जानकारी देते हैं." पाकिस्तान ने तालिबान के साथ रिश्तों से हमेशा इनकार किया है.

Pakistan Prämierminister Gilani und ISI Direktor Ahmed Shuja Pasha
गिलानी और आईएसआई प्रमुख पाशातस्वीर: picture-alliance/dpa

नाटो के नेतृत्व वाली अंतरराष्ट्रीय टुकड़ी के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल जिमी कमिंग्स ने दस्तावेज के अस्तित्व की पुष्टि की है लेकिन साथ ही कहा है कि यह सैन्य अभियानों का रणनीतिक विश्लेषण नहीं है. उन्होंने कहा, "गोपनीय दस्तावेज तालिबान कैदियों के विचारों का संकलन है. यह विश्लेषण नहीं है और ऐसा समझा भी नहीं जाना चाहिए."

इस टिप्पणी के बावजूद विश्लेषकों का मानना है कि इस दस्तावेज को 11 साल से चल रहे युद्ध का आकलन माना जा सकता है जिसका लक्ष्य तालिबान को सत्ता में वापस आने से रोकना है. दूसरी ओर यह तालिबान कट्टरपंथियों के इस विचार को और पुख्ता कर सकता है कि उसे अमेरिका या हामिद करजई की अलोकप्रिय सरकार के साथ शांति वार्ता नहीं करनी चाहिए.

ब्रिटिश दैनिक द टाइम्स में इस दस्तावेज के हवाले से कहा गया है कि पाकिस्तान की ताकतवर खुफिया एजेंसी आईएसआई विदेशी सैनिकों पर हमलों में तालिबान की मदद कर रही है. टाइम्स का कहना है कि अत्यंत गोपनीय रिपोर्ट का संकलन बागराम एयरबस पर तैनात अमेरिकी सेना ने नाटो के उच्चाधिकारियों के लिए किया.

पाकिस्तान ने नाटो की लीक हुई रिपोर्ट पर गुस्से का इजहार किया है और साथ ही कहा है कि सुबह तड़के किए गए हवाई हमले में 20 तालिबान लड़ाके मारे गए हैं. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल बासित ने रिपोर्ट को ओछा बताते हुए कहा, "हम अफगानिस्तान में हस्तक्षेप नहीं करने की नीति पर प्रतिबद्ध हैं और उम्मीद करते हैं कि दूसरे सभी देश भी इस सिद्धांत का कठोरता से पालन करेंगे." उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अफगान नेतृत्व में और अफगान मिल्कियत वाली शांति प्रक्रिया के लिए प्रतिबद्ध है. एक वरिष्ठ सेनाधिकारी ने रिपोर्ट को लीक किए जाने की निंदा करते हुए कहा, "रिपोर्ट उपलब्ध नहीं है, लीक टिप्पणी किए जाने लायक नहीं है."

Hamid Karzai Januar 2011
चिंता में हामिद करजईतस्वीर: AP

यह रिपोर्ट ऐसे समय में लीक हुई है जब बुधवार को पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खर काबुल में अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई से मिल रही हैं. इसे रिश्तों को फिर से पटरी पर लाने का प्रयास बताया जा रहा है. इससे पहले इस तरह की रिपोर्ट आई कि इस्लामाबाद और अफगानिस्तान तालिबान के साथ सउदी अरब में शांति वार्ता करना चाहते हैं. यह बातचीत कतर में अमेरिका के साथ हो रही बातचीत से अलग होगी. दोनों देश अमेरिकी शांति प्रक्रिया से बाहर रखे जाने पर खुश नहीं हैं.

पिछले सप्ताहों में पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के साथ लगी सीमा पर अभियान तेज कर दिया है जहां पाकिस्तानी और अफगान तालिबान के अलावा अल कायदा और दूसरे इस्लामी कट्टरपंथियों ने गढ़ बना लिया है. उत्तरी वजीरिस्तान के रास्ते पर स्थित ओरकजई और खुर्रम जिलों में तालिबान को रोकने के प्रयास में 14 सैनिक मारे गए हैं. पाकिस्तानी सेना यहां कार्रवाई करने के अमेरिकी दबाव का विरोध कर रही थी.

पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा है कि बुधवार सुबह ओरकजई में चार ठिकानों पर हवाई हमलों में तालिबान के 20 लड़ाके मारे गए हैं. एक महत्वपूर्ण पाकिस्तानी तालिबान कमांडर के भी मारे जाने की खबर है. कबायली इलाकों में इस तरह के हमलों और उसमें मरने वालों की संख्या की स्वतंत्र पुष्टि संभव नहीं है.

रिपोर्ट: एएफपी, रॉयटर्स/महेश झा

संपादन: एन रंजन

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