1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

नास्तिकों का सारी दुनिया में दमन

१३ दिसम्बर २०१२

एक तरफ दुनिया भर में धर्म के नाम पर तलवारें खिंची हैं, वहीं किसी भी धर्म को न मानने वाले अत्याचार और भेदभाव के शिकार हो रहे हैं. जर्मनी की एक गैर सरकारी संस्था के अनुसार कई देशों में नास्तिक लोगों को जान खतरे में है.

https://p.dw.com/p/170WP
तस्वीर: picture-alliance/dpa

इंटरनेशनल ह्यूमनिस्ट एंड एथिकल यूनियन (आईएचईयू ) की रिपोर्ट के अनुसार मुस्लिम देशों में ऐसे लोगों के प्रति भेदभाव कहीं ज्यादा है. हालांकि अमेरिका और यूरोपीय देशों में पाया गया कि यहां धर्म का पालन करने वालों के लिए तो कई नीतियां हैं जबकि नास्तिकों को अलग ही दृष्टि से देखा जाता है. फ्रीडम ऑफ थॉट नाम की इस रिपोर्ट के अनुसार कुछ ऐसे कायदे कानून भी हैं जो नास्तिक लोगों के अस्तित्व को ही सिरे से नकारते हैं, उनकी अभिव्यक्ति और शादी जैसे मामलों में अधिकारों को सीमित करते हैं. वहीं कुछ ऐसे नियम भी हैं जो उन्हें शिक्षा और नौकरी जैसे अधिकारों से दूर करते हैं. इन्हें धर्म का विरोधी होने के नाते मुजरिम के तौर पर देखा जाता है.

Atheisten Flash-Galerie Steine mit Inschrift
तस्वीर: Fotolia/NSfotogyrl

इस रिपोर्ट का संयुक्त राष्ट्र ने भी स्वागत किया और कहा कि नास्तिकों को भी संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक मानव अधिकार संधियों में स्थान दिया गया है. उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट इस दिशा में अहम है. तकरीबन 60 देशों में किए गए सर्वेक्षण में आईएचईयू ने अफगानिस्तान, ईरान, मालदीव, मौरिटानिया, पाकिस्तान, सऊदी अरब और सूडान को उन सात देशों की सूची में शामिल किया है जहां किसी भी धर्म का पालन न करने वाले लोगों को मौत की सजा का भी खतरा है. हालांकि इन लोगों को नास्तिक होने के लिए मौत की सजा मिलने के हाल फिलहाल कोई प्रमाण नहीं मिले हैं. लेकिन यह रिपोर्ट कहती है कि अक्सर इन लोगों पर कोई और आरोप लगाकर उन्हें सजा दी जाती है.

Proteste gegen Attacken auf Pakistani Christen Punjab
तस्वीर: AP

बांग्लादेश, मिस्र, इंडोनेशिया, कुवैत और जॉर्डन कुछ ऐसे देश माने गए हैं जहां नास्तिक सोच से भरे किसी भी लेख के छपने पर पाबंदी है. हालांकि इनके साथ ही मलेशिया जैसे कुछ देशों में ऐसे नागरिकों को अपने आप को एक अलग वर्ग के रूप में रजिस्टर करवाना पड़ता है. यह वह वर्ग है जिसमें ईसाई, यहूदी और इस्लाम के अलावा सभी दूसरे धर्म शामिल हैं.

अमेरिका जैसे सामाजिक परिवेश में धर्म और भाषा जैसे अधिकार सुरक्षित माने जाते हैं. लेकिन वहां भी माहौल में कुछ ऐसी हवा है जिसमें नास्तिक और सिर्फ मानव धर्म को अपना धर्म मानने वाले निचले तबके के अमेरिकी या गैर अमेरिकी माने जाते हैं. यह रिपोर्ट यह भी बताती है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में कम से कम सात ऐसे प्रांत हैं जहां इस तबके को सामाजिक कार्यालयों में काम करने की अनुमति नहीं है.

एसएफ/एमजे (रॉयटर्स)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी