पढ़ाई न करने का अफसोस
१० अक्टूबर २०१२शंघाई मास्टर्स के तीसरे दौर में पहुंचने के बाद सर्बियाई खिलाड़ी नोवाक जोकोविच ने अपना दुख सबके सामने जाहिर किया. जोकोविच ने कहा, "बचपन में मैं उस तरह स्कूल में नहीं पढ़ सका जैसे कि सर्बिया और दुनिया के दूसरे हिस्से में बच्चे पढ़ते हैं. मैं हर दिन स्कूल नहीं गया. हाई स्कूल में मुझे वापस आना पड़ा और मैंने साल में दो तीन बार परीक्षाएं दी. इस तरह से मैं पढ़ा. मैं कभी यूनिवर्सिटी नहीं जा सका."
जोकोविच को यूनिवर्सिटी जा कर पढ़ाई न कर पाने का बेहद अफसोस है, "अगर मेरी जिंदगी में कोई एक इच्छा बाकी है तो वह यही है कि मैं किसी यूनिवर्सिटी में जाना चाहता हूं. मुझे सचमुच पढ़ने का मन है और छात्र बन कर छात्रों के बीच जाने का मन है. यह किसी भी इंसान के जीवन का सबसे मजेदार वक्त होता है."
25 साल के नोवाक जोकोविच अंग्रेजी, जर्मन और इतालवी भाषा फर्राटे से बोलते हैं. जोकोविच ने बताया कि वह स्कूल की पढ़ाई में अच्छे थे और भाषा पर उनकी पकड़ स्वाभाविक रूप से विकसित हुई है. जोकोविच का कहना है कि भाषा पर पकड़ सीखी नहीं जा सकती. जोकोविच ने कहा, "यह आपके अंदर होना चाहिए. मेरे दोनों भाई भी कई भाषाएं बोलते हैं. मुझे लगता है कि मेरे परिवार में ही कुछ है."
हालांकि भाषा पर मजबूत पकड़ के लिए जोकोविच सर्बिया की स्कूली पढ़ाई को भी बड़ा कारण मानते हैं. जोकोविच ने बताया, "सर्बिया की स्कूली पढ़ाई में अच्छी बात यह है कि आपको प्राथमिक स्कूल में ही दो भाषाएं पढ़नी होती है. इनमें से एक अंग्रेजी तो अनिवार्य रूप से होती है और दूसरी भाषा आप चुन सकते हैं. मैंने जर्मन चुनी थी."
पांच ग्रैंड स्लैम जीत चुके जोकोविच जब चार साल के थे तभी से टेनिस खेलने लगे और उन्होंने पेशेवर टेनिस में पहला कदम जब रखा तो उनकी उम्र केवल 16 थी. जोकोविच ने कहा कि पूरा समय टेनिस को देने के बाद नए अनुभवों के लिए समय बहुत सीमित था. जोकोविच ने कहा, "टेनिस बहुत भार डालने वाला खेल है. यह इस मामले में बहुत क्रूर है कि आपके पास फिर दूसरे कामों के लिए सचमुच ज्यादा समय नहीं होता. जैसे कि कहीं जाना हो या कुछ और सीखना या अनुभव करना."
एनआर/एजेए (एएफपी)