पहली बार पोप ने की अंतरिक्ष में बात
२२ मई २०११पहली बार किसी पोप ने फोन पर अंतरिक्ष यात्रियों से बात की. पोप बेनेडिक्ट 16वें ने दुनिया में शांति कायम करने की बात करते हुए कहा, "मेरे ख्याल से आप लोगों को तो यह बात समझ आ ही रही होगी कि हम सब इस एक पृथ्वी पर रहते हैं, और यह कितनी अजीब बात है कि हम एक दूसरे से लड़ते हैं और एक दूसरे की जान लेते हैं."
पोप ने अंतरिक्ष यात्रियों से पूछा, "जब आप लोग पृथ्वी को ऊपर से देखते हैं, क्या आप कभी इस बारे में सोचते हैं कि किस तरह से यहां अलग अलग देशों में लोग मिल कर रहते हैं, और क्या विज्ञान दुनिया में शांति कायम करने की दिशा में अपना योगदान दे सकता है?"
पोप के जवाब में एंडेवर दल के कमांडर मार्क केली ने कहा, "हम पूरी दुनिया के ऊपर से गुजरते हैं, और हमें कोई सीमाएं नजर नहीं आतीं. लेकिन हम यह बात समझते हैं कि धरती पर लोग एक दूसरे के साथ लड़ते हैं. इस दुनिया में बहुत हिंसा होती है और यह बेहद दुखद है." पोप ने केली की पत्नी की सेहत के लिए भी दुआ की.
अंतरिक्ष में प्रार्थना
अंतरिक्ष यात्री पाओलो नेस्पोली की मां का इसी महीने देहांत हो गया था. पोप ने उनसे पूछा, "आप इस दुख की घड़ी में अंतरिक्ष यान में कैसे रह रहे हैं? क्या आपको कभी अकेलापन महसूस होता है या फिर आप हमारे समाज से जुड़ा हुआ महसूस करते हैं, जो हर समय पूरे ध्यान और लगाव के साथ आप की हर हरकत को देख रहा है?" नेस्पोली ने इसके जवाब में कहा, "होली फादर, मुझे आपकी और सबकी दुआएं यहां मिल रही हैं. इस दुख की घड़ी में मेरे सभी साथियों ने मेरा बहुत साथ दिया. बहुत दूर हो कर भी, मुझे ऐसा लग रहा है कि मैं बहुत पास हूं."
पोप ने अंतरिक्ष यात्रियों से यह भी पूछा कि क्या वे अंतरिक्ष में भी प्रार्थना करते हैं. एक यात्री रोबेर्टो विटोरी ने इसके जवाब में कहा, "मैं प्रार्थना करता हूं... अपने लिए, हमारे परिवारों के लिए और हमारे भविष्य के लिए." विटोरी ने पोप द्वारा दिए गए एक सिक्के को उछाल कर माइक्रोग्रैविटी को दर्शाया. यह सिक्का पोप ने एंडेवर की उड़ान से पहले वैटिकन के इस मिशन से जुड़े होने की निशानी के तौर पर दिया था. सिक्के को एंडेवर के वापस आने पर लौटा दिया जाएगा.
12 दिन तक अंतरिक्ष में रहने के बाद एंडेवर एक जून को धरती पर लौटेगा.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ईशा भाटिया
संपादन: वी कुमार