पहले दंगल में पिछड़े ओबामा
४ अक्टूबर २०१२टीवी पर पहले मुकाबले में आने से पहले ही डेमोक्रैटिक ओबामा ने बहस की रफ्तार तय कर दी थी. थोड़ा भावुक दिखते हुए उन्होंने कहा कि ठीक इसी दिन बीस साल पहले उन्होंने अपनी पत्नी मिशेल से शादी की थी. राष्ट्रपति ने अपनी पत्नी को प्यार का संदेश दिया और यह वादा किया कि अगले साल यह महत्वपूर्ण दिन वे लाखों टीवी दर्शकों की आंखों के सामने नहीं गुजारेंगे. यह इस वादे का असर था या कुछ और कि बाद में टीवी बहस में कमजोर आर्थिक विकास, बेरोजगारी और सरकारी कर्ज जैसे मुद्दों पर राष्ट्रपति सुरक्षात्मक दिखे.
राष्ट्रपति चुनावों में पूरे देश में करीब 100 सभाओं, 50 करोड़ के नकारात्मक विज्ञापनों और दूर से एक दूसरे पर किए गए हमलों के बाद बुधवार शाम ओबामा और रोमनी डेनेवर यूनिवर्सिटी के हॉल में पहली बार एक दूसरे के आमने सामने थे. ओबामा को चुनौती दे रहे रोमनी ने शुरू से ही आक्रामक रुख अपनाया और राष्ट्रपति पर देश की अर्थव्यवस्था को विफलता के रास्ते पर ले जाने का आरोप लगाया.
एक ओर रोमनी राष्ट्रपति को 8 फीसदी बेरोजगारी दर के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे थे तो दूसरी ओर ओबामा नर्वस और कभी कभी उदासीन दिख रहे थे. रिपब्लिकन उम्मीदवार राष्ट्रपति को कुटिल हंसी के साथ देखते तो राष्ट्रपति की नजरें स्पीकर डायस पर होती या वे ओठों को चबाते दिखते.
ओबामा ने अपनी सफलताएं गिनाईं, रिपब्लिकन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश से मिली कठिन विरासत का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने 1930 की महामंदी के बाद से सबसे बड़े संकट का सामना किया है. उनका आरोप है कि रोमनी धनी लोगों को कर में राहत देकर मध्यवर्ग को कमजोर करना चाहते हैं.
चुनाव पर नजर रखने वाले विश्लेषक अब अटकलें लगा रहे हैं कि ओबामा ने उन मुद्दों को क्यों नहीं उठाया जिसने हाल के दिनों में रोमनी के प्रचार को मुश्किलों में डाला है. राष्ट्रपति ने वित्तीय निवेशक के रूप में रोमनी के अतीत पर कुछ नहीं बोला और न ही उनके इनकम टैक्स रिटर्न को मुद्दा बनाया. इसी तरह उस वीडियो की भी चर्चा नहीं हुई जिसमें रोमनी ने उस 47 फीसदी मतदाताओं की चर्चा की थी और कहा था कि वे सरकारी मदद पर निर्भरता के कारण यूं भी ओबामा को चुनेंगे.
पिछले साल राष्ट्रपति देशव्यापी जनमत सर्वेक्षणों में लगातार आगे चल रहे हैं. वे ज्यादातर लचीले प्रांतों में आगे हैं जिनके बारे में पता नहीं कि वे किसे चुनेंगे. ओहायो में भी, जिसे जीते बिना आज तक कोई रिपब्लिकन उम्मीदवार राष्ट्रपति भवन तक नहीं पहुंचा है. राष्ट्रपति ओबामा के लिए निर्वाचन मंडली के 270 सदस्यों को इकट्ठा करना मुश्किल नहीं होगा जो उनकी जीत के लिए जरूरी है.
टीवी बहस से पहले रोमनी पर बहुत दबाव था जबकि राष्ट्रपति ओबामा अपने पद के कारण राजनेता की तरह पेश आ रहे थे. रोमनी को मतदाताओं को अपनी नीतियों से रिझाना ही नहीं था बल्किन यह भी दिखाना था कि उनका कद राष्ट्रपति बनने लायक है. पहली बहस में अपने प्रदर्शन के जरिए उन्होंने अपनी छवि निश्चित तौर पर सुधारी है.
सीएनएन के एक पोल में 67 फीसदी लोगों ने माना है कि दंगल में जीत रोमनी की हुई है जबकि सिर्फ 25 फीसदी ने ओबामा को विजेता कहा है. राजनीति शास्त्री टेरी मडोना का भी कहना है कि इसमें कोई संदेह नहीं कि रोमनी की जीत हुई है. अब दो दंगल और हैं. ओबामा को अपना प्रभाव दिखाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी.
एमजे/एनआर (एएफपी, डीपीए)