पाकिस्तानी तालिबान से मिला शहजाद को धमाकों के लिए पैसा
२० अक्टूबर २०१०शहजाद के कथित सहयोगियों की गिरफ्तारी की रिपोर्ट से इस बात का पता चला है. पुलिस ने ये रिपोर्ट सोमवार को रावलपिंडी के आतंकनिरोधी अदालत में पेश की. हुनबल अख्तर, मोहम्मद शोएब मुगल और मुहम्मद शाहिद हुसैन की गिरफ्तारी की रिपोर्ट में पुलिस ने कहा है कि इन तीनों के फैसल शहजाद से संबंध होने की पुष्टि हो गई है.
जांच अधिकारियों के मुताबिक आरोपियों ने सीपीसी की धारा 164 के तहत न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराए बयान में ये माना है कि शहजाद तहरीक ए तालिबान के मुखिया हकीमुल्लाह से मिलने जाता था. इतना ही नहीं इन्होंने ये भी कहा कि हकीमुल्ला ने उसे हमले करने के लिए 43 हजार अमेरिकी डॉलर दिए.
फैसल शहजाद पाकिस्तान के रिटायर्ड एयर वाइस मार्शल का बेटा है. पिछले महीने एक अमेरिकी अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई है. फैसल ने कार बम के जरिए टाइम्स स्क्वेयर पर धमाका करने की नाकाम कोशिश की थी. पाकिस्तानी पुलिस का कहना है कि उन्हें शहजाद और गिरफ्तार किए गए उसके सहयोगियों के बीच की बातचीत का ब्यौरा मिल गया है. आतंकवाद निरोधी अदालत के जज मलिक मोहम्मद अकरम आवान ने रिपोर्ट मिलने के बाद मामले पर अगली सुनवाई के लिए 26 अक्टूबर का दिन तय किया है.
जांच अधिकारियों के मुताबिक कथित रुप से मुगल ने शहजाद और आत्मघाती हमलावर बनने की तैयारी में जुटे तीन लोगों को हफ्ते भर तक अपने घर में रखा. पुलिस ने इन हमलावरों में से एक की पहचान कैसर महमूद और दूसरे की तालिबान कमांडर कारी हुसैन के रूप में की है. तीसरे आदमी की पहचान अभी नहीं हो पाई है. मुगल के घर में रहने वालों ने बाद में मुजफ्फराबाद में आत्मघाती हमला किया. अमेरिका में शहजाद की गिरफ्तारी के बाद अख्तर, मुगल और हुसैन गायब हो गए. पुलिस को लगा कि किसी ने उन्हें अगवा कर लिया है. उनकी तलाशी के लिए इस्लामाबाद और रावलपिंडी के अलग अलग पुलिस थानों में रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई.
5 सितंबर को पुलिस को पता चला कि इन तीनों का अपहरण नहीं हुआ बल्कि ये लोग कहीं छुप गए हैं. पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि तीनों को इस्लामाबाद हाइवे से पिछले महीने पकड़ा गए जब ये लोग अपने दो साथियों के साथ कार में बैठकर कहीं जा रहे थे. फैसल और फहीम नाम के इनके दोनों साथी भागने में कामयाब हो गए.
पुलिस ने इनकी गाड़ी से संसद भवन समेत इस्लामाबाद की अहम इमारतों के नक्शे और लैपटॉप बरामद किया है. जांज अधिकारियों ने तीनों को पाकिस्तान और उसके बाहर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का दोषी करार देने की मांग की है. हालांकि कुछ खबरों में ये भी कहा जा रहा है कि पुलिस ने इन तीनों को मई में ही गिरफ्तार कर लिया. पुलिस के इनसे पूछताछ कर लेने के बाद पिछले महीने इनकी औपचारिक गिरफ्तारी हुई है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ एन रंजन
संपादनः एमजी